प्रदर्शन कर रहे किसान संघों ने कहा- बातचीत को तैयार लेकिन सरकार ठोस प्रस्ताव भेजे
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प्रदर्शन कर रहे किसान संघों ने कहा-बातचीत को तैयार पर लेकिन सरकार ठोस प्रस्ताव भेजे
नयी दिल्ली: किसान संघों ने बुधवार को सरकार से कहा कि वह नए कृषि कानूनों में “निरर्थक” संशोधन करने की बात को नहीं दोहराए, क्योंकि इन्हें पहले ही खारिज किया जा चुका है, बल्कि वार्ता के एक और दौर के लिए लिखित में ठोस प्रस्ताव दे। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक किसान नेता ने कहा कि वे बातचीत के लिए राज़ी हैं, लेकिन सरकार को ठोस प्रस्ताव भेजना चाहिए जिस पर अमल होना है।
किसान नेता शिवकुमार कक्का ने बताया, ” हम पहले ही गृह मंत्री अमित शाह को बता चुके हैं कि प्रदर्शनकारी किसान संशोधनों को स्वीकार नहीं करेंगे।” स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, ” किसान संघ सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं और सरकार के मेज़ पर खुले दिमाग से आने का इंतज़ार कर रहे हैं। ” ऑल इंडिया किसान सभा के नेता हन्नान मोल्ला ने दावा किया कि सरकार किसानों को थकाना चाहती है ताकि प्रदर्शन खत्म हो जाए।
किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है मोदी सरकार: कृषि मंत्री
लगभग एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को फिर से आश्वासन दिया है कि मोदी सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाई जाने वाली पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर तोमर ने ट्वीट कर कहा, “सभी देशवासियों को ‘किसान दिवस’ की शुभकामनाएं। मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को जयंती पर सलाम।”
तोमर का यह ट्वीट किसानों की मांगों को लेकर बने गतिरोध को खत्म कर किसानों के साथ बातचीत जारी रखने के सरकार के इरादे को दर्शाता है। हालांकि किसान तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं। बता दें कि 26 नवंबर से हजारों किसान कानूनों के विरोध में दिल्ली-अंबाला, दिल्ली-हिसार, दिल्ली-गाजियाबाद और दिल्ली-नोएडा मार्गो पर सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
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