एक बार फिर गुर्जर आंदोलन की आहट, 17 को महापंचायत, प्रशासन की बढ़ी चिंता

फरवरी 2019 में गुर्जर आरक्षण आंदोलन स्थगन से पूर्व राज्य सरकार व आंदोलनकारियों के बीच एमबीसी आरक्षण को लेकर हुए समझौते की पालना नहीं करने से गुर्जर नेता नाराज, इसी के चलते कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने मलारना डूंगर में गुर्जर महापंचायत बुलाई
एनसीआई@मलारना डूंगर
फरवरी 2019 में गुर्जर आरक्षण आंदोलन स्थगन से पूर्व राज्य सरकार व आंदोलनकारियों के बीच एमबीसी आरक्षण को लेकर हुए समझौते की पालना नहीं करने का सरकार पर आरोप लगाते हुए एक बार फिर गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने मलारना डूंगर में गुर्जर महापंचायत बुलाई है। इससे स्थानीय प्रशासन के लिए ही नहीं, अपितु राज्य सरकार तक के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
यहां 17 अक्टूबर को मकसूदनपुरा-चौहानपुरा स्थित देवनारायण मंदिर परिसर में यह पंचायत होना प्रस्तावित है। गुर्जर नेता हालांकि पहले ही आंदोलन की चेतावनी दे चुके थे। इस मसले पर जिला प्रशासन ने निगरानी पत्र भी जारी कर दिया है। उधर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बयान के बाद उनके पुत्र गुर्जर नेता विजय बैंसला ने भी ट्वीट कर 17 अक्टूबर को लोगों को मलारना डूंगर महापंचायत में आने का आह्वान किया है। गुर्जर नेताओं का कहना है कि आरक्षण आंदोलन समझौते के सभी बिन्दुओं के अक्षरश: पालना के इंतजार में डेढ़ साल गुजार दिए। इस बीच एमबीसी वर्ग को काफी हानि हुई। सरकार को समझौता याद दिलाते हुए कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने पहले सरकार को पन्द्रह दिन का समय दिया। सरकार अनसुना कर गई। उलटे जिला कलक्टर से निगरानी पत्र जारी करवा कर गुर्जरों को डराने का प्रयास किया। विजय बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज डरने वाला नहीं है। अब समाज अपनी मांगों को लेकर आरपार की लड़ाई लड़ेगा।
प्रशासन की बढ़ी चिंता
आरक्षण की मांगों को लेकर एक बार गुर्जर समाज के मलारना डूंगर की तरफ रुख करने से यहां आंदोलन तय माना जा रहा है। आंदोलन किस स्तर का होगा यह महापंचायत में तय होगा। उधर महापंचायत की घोषणा के साथ ही जिला प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। यह बात अलग है कि आंदोलन की आहट को भांपते हुए जिला कलक्टर नन्नूमल पहाड़िया पहले ही निगरानी पत्र जारी कर क्षेत्रीय व स्थानीय पुलिस व प्रशाशन को सतर्क कर चुके हैैं।