श्रीकृष्ण जन्म भूमि मालिकाना विवाद: मथुरा जिला जज ने दिया यह अहम फैसला

एनसीआई@मथुरा
श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक़ के मामले में जिला जज मथुरा की अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है। इसी के साथ सुन्नी वक्फ बोर्ड सहिक सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
उल्लेखनीय है कि जिला जज मथुरा की कोर्ट में श्रीकृष्ण विराजमान सहित आठ याचिकाकर्ताओं की ओर से मालिकाना हक के सम्बन्ध में याचिका दाखिल की गई थी। इसी पर अदालत ने पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। जिन्हें नोटिस जारी किया गया है, उनमें सुन्नी वक्फ बोर्ड व ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट शामिल हैं। यहां यह बताना जरूरी है कि मथुरा जिला कोर्ट में यह याचिका दाखिल कर सिविल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें भगवान की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया गया था। अदालत ने कहा था कि विश्व में भगवान कृष्ण के असंख्य भक्त हैं। हर श्रद्धालु याचिका करने लगे तो न्याय व्यवस्था चरमरा जाएगी।
राम लला विराजमान के बाद अब श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से भी मथुरा की अदालत में मुकदमा दायर किया गया है। इसमें 13.37 एकड़ की कृष्ण जन्मभूमि भूमि का स्वामित्व मांगा गया है और शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। ये वाद भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर के रूप में रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों ने दाखिल किया है। हालांकि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 इस मामले के आड़े आ रहा है। इसमें विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमेबाजी को लेकर मालिकाना हक पर मुकदमे में छूट दी गई थी, लेकिन मथुरा काशी सहित सभी विवादों पर मुकदमेबाजी से रोक दिया था।
अब यह है मामला
श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दायर ताजा केस में कहा गया है कि यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड, ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह या मुस्लिम समुदाय के किसी भी सदस्य को कटरा केशव देव की सम्पत्ति में कोई दिलचस्पी या अधिकार नहीं है। ये देवता भगवान श्री कृष्ण विराजमान में निहित हैं। इतिहासकार जदुनाथ सरकार के हवाले से जगह के इतिहास के बारे में वादी ने कहा है कि 1669-70 में, औरंगजेब ने कटरा केशवदेव स्थित भगवान कृष्ण के जन्म के श्री कृष्ण मंदिर को ध्वस्त कर दिया था और एक संरचना बनाई गई थी। इसे ही ईदगाह मस्जिद कहा गया था।