नहीं बनी बात तो राजस्थान फिर सुलगने की कगार पर

भरतपुर के अड्डा गांव में गुर्जर महापंचायत: दोपहर तक पहुंचे करीब एक हजार लोग, आंदोलन से जुड़े लोगों का दावा 20 हजार गुर्जर पहुंचेंगे, प्रशासन अलर्ट, देर रात आईएएस नीरज के पवन कर्नल बैंसला से मिले, कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद
एनसीआई@भरतपुर/जयपुर
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने ढाई साल बाद वापस अपना आंदोलन शुरू करते हुए भरतपुर जिले के अड्डा गांव में महापंचायत बुलाई है। इसमें शनिवार दोपहर तक करीब एक हजार लोग पहुंच चुके थे। 80 गांवों के लोगों को इस महापंचायत में बुलाया गया है। इससे आयोजन से जुड़े लोगों का दावा है कि करीब 20 हजार गुर्जरों के पहुंचेंगे। कर्नल बैंसला के दोपहर बाद सभा स्थल पर पहुंचने का कार्यक्रम है।
इधर, सरकार ने भरतपुर जिला कलक्टर नथमल डिडेल के जरिए संयोजक कर्नल किरोड़ी बैंसला को वार्ता का प्रस्ताव भेजा है। इसकी पुष्टि जिला कलक्टर ने की है। मगर कर्नल बैंसला ने इसका कोई जवाब नहीं दिया था। इधर, प्रशासन ने जिले के बयाना, बैर, भुसावर, रूपवास सहित कई अन्य जगहों की इंटरनेट सेवा शुक्रवार आधी रात से बंद कर दी हैं। एहतियातन इलाके को छावनी में तब्दील करते हुए 2350 जवान तैनात किए गए हैं।
देर रात बैंसला से मिले नीरज के पवन
सरकार ने देर रात कर्नल बैंसला से बातचीत के लिए आईएएस नीरज के पवन को विशेष दूत के रूप में भेजा। नीरज भरतपुर एसपी और कलक्टर के साथ हिंडौन सिटी स्थित कर्नल बैंसला के आवास पर पहुंचे। उन्होंने कर्नल बैंसला को सरकार की तरफ से वार्ता का न्योता दिया। साथ ही गुर्जरों की मांगें मानने के लिए सरकार का मसौदा बताया। नीरज के पवन भरतपुर व करौली के कलक्टर रह चुके हैं। वे सीएम गहलोत के साथ-साथ बैंसला के भी निकट समझे जाते हैं। पूर्व के कई गुर्जर आंदोलनों में मध्यस्थ की भूमिका निभा चुके हैं।
गुर्जर समाज का कूच, प्रशासन अलर्ट मोड पर
एसपी अमनदीप सिंह ने बताया कि हालात को देखते हुए मौके पर 6 एएसपी, 12 डीवाईएसपी सहित पुलिस के करीब 2100 जवान तैनात किए गए हैं। सभी पुलिसकर्मियों के अवकाश रद्द कर दिए गए हैं। इसके अलावा रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए 100 आरएएफ व 150 जीआरपी के जवान तैनात किए गए हैं। गैंगमैन को अलर्ट किया गया है।
शेरगढ़ में हुई बैठक में महापंचायत को समर्थन
महापंचायत पर शुक्रवार को शेरगढ़ गांव स्थित राजेश पायलट स्कूल परिसर में गुर्जर समाज की बैठक हुई। सभी ने एकसुर में महापंचायत को सफल बनाने तथा मांगों के लिए सरकार पर दबाव बनाने की बात कही। कई वक्ताओं ने आंदोलन की कमान बैंसला के पुत्र विजय बैंसला के सम्भालने पर नाराजगी दिखाई।
ये हैं 6 प्रमुख मांगें
-आरक्षण को केन्द्र की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
-बैकलॉग की भर्तियां निकालने व प्रक्रियाधीन भर्तियों में पूरे 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाए।
-एमबीसी कोटे से भर्ती हुए 1252 कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
-आंदोलन के शहीदों के परिजनों को नौकरी व मुआवजा दिया जाए।
-मुकदमों को वापस लिया जाए।
-देवनारायण योजना लागू करें।
महापंचायत के लिए बयाना को इसलिए चुना
गुर्जर बहुल और राशन की उपलब्धता होने के कारण हर बार बयाना का पीलूपुरा गांव गुर्जर आंदोलन का केन्द्र बनता है। यहां के 80 से अधिक गांव गुर्जर बहुल हैं। यहां 2006, 2007, 2008, 2010 और 2018 में गुर्जर आंदोलन हो चुके हैं।