राजस्थान फिर घमासान की ओर: करौली और भरतपुर में इंटरनेट बंद, सरकार अलर्ट

एनसीआई@जयपुर/करौली
गुर्जर आरक्षण आंदोलन को लेकर राजस्थान में सरकार और गुर्जर समाज की गतिविधियां तेज हो गई हैं। राज्य सरकार 1 नवम्बर से प्रस्तावित इस आंदोलन को रोकने के लिए एक ओर तो गुर्जर समाज के नेताओं को वार्ता के लिए राजी करने में जुटी हुई है, दूसरी ओर कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत भरतपुर और करौली जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। वहीं गुर्जर नेता भी आंदोलन के लिए भावी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं।

गुर्जर समाज द्वारा वार्ता से इनकार करने और आंदोलन के लिए अड़े रहने के उनके रवैये को देखते हुए गुरुवार रात 12 बजे से करौली और भरतपुर जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। पुलिस-प्रशासन दोनों जिलों में पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। सरकार की खुफिया एजेंसियां भी पल-पल की गतिविधियों पर नजरें टिकाए हुए हैं। गुर्जर समाज ने 1 नवम्बर से भरतपुर जिले के बयाना के पीलूपुरा से आंदोलन शुरू करने की घोषणा कर रखी है।
गहलोत सरकार की 3 बड़ी घोषणाएं, बातचीत का प्रयास
सरकार के स्तर पर कैबिनेट सब कमेटी गुर्जर नेताओं को वार्ता की टेबल पर लाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है। कैबिनेट सब कमेटी में शामिल गुर्जर समाज के ही खेल मंत्री अशोक चांदना के अलावा चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा गुर्जर नेताओं को मनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके तहत गुरुवार को चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से फोन पर बात की थी, लेकिन वे अब तक औपचारिक वार्ता के लिए तैयार नहीं हुए हैं।
गुर्जर नेताओं की गैरमौजूदगी में बैठक
गुर्जर आरक्षण मसले के समाधान के लिए गठित राज्य सरकार की कैबिनेट सब कमेटी ने गुरुवार को भी गुर्जर नेताओं को वार्ता के लिए न्योता भेजा था, लेकिन उनकी तरफ से बैठक में कोई शामिल नहीं हुआ। बाद में गुर्जर नेताओं की गैर मौजूदगी में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई। इसमें चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, खेल मंत्री अशोक चांदना और सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे। बैठक के बाद मंत्री चांदना और शर्मा ने साझा प्रेस कॉफ्रेंस कर गुर्जरों के लिए तीन नई घोषणाएं करते हुए कहा कि सरकार के स्तर पर अब कुछ भी बाकी नहीं है।
प्रेस कॉफ्रेंस में अशोक चांदना और डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि हमारी नियत में कोई खोट नहीं है। सरकार एमबीसी वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। 2 साल में गुर्जर समाज के युवाओं को 2400 से ज्यादा नौकरियां दी जा चुकी है। प्रक्रियाधीन भर्तियों में 1356 लोगों को नियुक्तियां दी जा रही हैं। राज्य सरकार के पास कोई मांग नहीं बची है। सरकार गुर्जर समाज को मनाने के लिए तीन घोषणाएं भी की।
ये तीन घोषणाएं कीं
एमबीसी वर्ग के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतनमान दिया जाएगा। आरक्षण आंदोलन में गोली लगने के बाद जिन 3 आंदोलनकारियों की मौत हुई थी, उनके परिजनों को सामाजिक सहयोग से 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखी जाएगी। खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति को गुरुवार के वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए।