कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज मामला: गृह सचिव ने माना-भाजपा की बस के पास जमा भीड़ बहुत आक्रोशित थी
एनसीआई@कोटा
नगर निगम के मेयर चुनाव के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज मामले की जांच करने के लिए मंगलवार रात कोटा पहुंचे गृह सचिव एनएल मीणा ने बुधवार सुबह पीड़ितों व अन्य कांग्रेसियों के बयान लिए। वहीं सर्किट हाउस में अधिकारियों के भी बयान लिए। इसके बाद मीणा ने माना कि भाजपा की बस को घेर कर खड़ी हुई भीड़ (कांग्रेसी कार्यकर्ता) बहुत आक्रोशित थे। इनकी ओर से बस की ओर पत्थर भी फेंके गए। इन्हें तितर-बितर करने के लिए ही पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

गृह सचिव मीणा के साथ कोटा सम्भागीय आयुक्त केसी मीणा, जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौर, डीआईजी रवि दत्त गौड़, एसपी गौरव यादव, एडिशनल एसपी प्रवीण जैन व राजेश मील भी मौजूद रहे। गृह सचिव मीणा ने बताया कि मंगलवार को यहां आने के बाद उन्होंने देर रात ही अस्पताल में भर्ती कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। साथ ही घटनाक्रम से सम्बन्धित सभी वीडियो देखे। इसके अलावा लाठीचार्ज के दौरान ड्यूटी पर तैनात रहे सभी पुलिस अधिकारियों के बयान लिए।
यह दिया बड़ा बयान
मीणा के अनुसार अब तक की जांच में सामने आया है कि घटना के समय जिस बस में भाजपा पार्षद थे, उसके पास काफी भीड़ जमा थी। भीड़ में काफी आक्रोश था। इसकी ओर से कुछ पत्थर भी बस पर फेंके गए थे। जो वीडियो में साफ देखे जा सकते हैं। तब ही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। गृह सचिव मीणा ने बताया कि अभी और अधिकारियों के बयान लिए जाने हैं। इसके बाद जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि कल मंगलवार को हुए लाठीचार्ज के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर राज्य के गृह सचिव एनएल मीणा देर रात यहां पहुंच गए थे।
यह था मामला
कोटा दक्षिण नगर निगम के मेयर के लिए मतदान करने को राजीव गांधी नगर निगम भवन में मंगलवार सुबह 11 बजे मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद भाजपाई व कुछ निर्दलीय पार्षदों को लेकर एक बस वहां पहुंची। इसे देखते ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया। साथ ही भाजपा की बस की जबरदस्त घेराबंदी कर दी। कांग्रेसियों का कहना था कि भाजपा ने अपनी बाड़ेबंदी में जिस निर्दलीय पार्षद लेखराज योगी को रख रखा है, उसे उसके परिवार के सदस्यों से मिलने दिया जाए। इनका आरोप था कि भाजपा ने उन्हें जबरन बंधक बना रखा है। गौरतलब है कि लेखराज योगी के पिता ने तीन दिन पहले पुलिस को लिखित शिकायत दी थी कि, उनके पुत्र को भाजपा नेताओं ने बंधक बनाकर बाड़ाबंदी में रखा हुआ है। वह अपने पुत्र से मिलने के लिए उज्जैन (मध्य प्रदेश) भी गए थे, मगर वहां की पुलिस ने उन्हें लेखराज से मिलवाने की जगह उलटे हिरासत में ले लिया था। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उज्जैन पहुंचे। उनके कड़े विरोध के बाद पार्षद लेखराज के पिता को पुलिस ने हिरासत से छोड़ा, मगर उन्हें अपने पुत्र से नहीं मिलने दिया।
ऐसे में जब भाजपा के पार्षदों की बस नगर निगम भवन पहुंची तो पार्षद लेखराज के परिजन वहां पहुंच गए और उनसे मिलने की मांग करने लगे। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बस को घेर भारी हंगामा करना शुरू कर दिया। इस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए पुलिस को उन पर लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे एक चैनल के पत्रकार के अलावा कुछ कांग्रेसी भी घायल हो गए। कार्यकर्ताओं के सिर पर लाठियां लगने से खून निकल आया। इससे कांग्रेसी और भड़क गए। इस पर उन्हें नियंत्रित करने के लिए घुड़सवार पुलिस ने कार्रवाई की। इस बीच मतदान स्थल के आसपास की कई गुमटियों को बंद करवा दिया, ताकि वहां भीड़ न हो सके। पुलिस अधीक्षक (शहर) सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर रहे। राजीव गांधी नगर निगम भवन के आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
इस घटनाक्रम के बाद….
राज्य में कांग्रेस की सरकार होने व नगर निगम के चुनाव स्थानीय विधायक एवं राज्य के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की नाक का सवाल होने से लाठीचार्ज की घटना को तूल पकड़ना ही था। इससे राज्य सरकार भी हरकत में आ गई। प्रमुख सचिव (गृह) अभय कुमार ने आदेश जारी कर मामले की जांच के लिए गृह सचिव एनएल मीणा को नियुक्त किया। आदेश में मीणा को मामले की सम्पूर्ण जांच कर अतिशीघ्र रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए।
इन बिन्दुओं पर देनी है जांच रिपोर्ट
गृह सचिव मीणा को यहां किन हालातों में लाठीचार्ज करना पड़ा, किसके आदेश से लाठीचार्ज किया गया, क्या लाठीचार्ज को टाला जा सकता था, इन तमाम मुद्दों पर जांच कर तथ्य जुटा अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है। इसके आधार पर सरकार को आगे कार्रवाई करनी है।