अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने किया भगवान श्री चित्रगुप्त व कलम दवात का पूजन
एनसीआई@कोटा
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा कोटा की ओर से आज सोमवार को यम द्वितीया के शुभ अवसर पर विधि विधान से भगवान श्री चित्रगुप्त जी की पूजा अर्चना की गई। हमेशा की तरह इस बार भी इस सामूहिक पूजन का आयोजन खेड़ली फाटक स्थित जिन्दबाबा मंदिर में किया गया। यहां महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप माथुर ने भगवान श्री चित्रगुप्त व कलम दवात की पूजा अर्चना की।
महासभा की युवा शाखा के जिलाध्यक्ष नितिन भटनागर ने भगवान श्री चित्रगुप्त के सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जो जीवात्मा कर्म बंधन में पाप कर्म से दूषित हो जाती है, उसे यमलोक जाना पड़ता है। इन्हे अपने साथ ले जाने के लिए यमलोक से यमदूत आते हैं। भगवान को चित्रगुप्त जी के नाम से पहचाने जाने के पीछे भी पुराणों में कई कथाओं का उल्लेख मिलता है। एक कथा में बताया गया है कि, महाप्रलय के पश्चात सृष्टि की पुनर्रचना की जानी थी। भगवान ब्रह्मा जी तपस्या में लीन थे। हजारों वर्षों की तपस्या के दौरान उनके स्मृति पटल पर एक चित्र अंकित हुआ और गुप्त हो गया। उसी समय भगवान के मुख से निकल पड़ा चित्रगुप्त कायस्थ। अर्थात जो चित्र गुप्त हो और मन में स्थित हो। इसके पश्चात् जब उनकी तंद्रा टूटी तो सामने एक दिव्य पुरुष खडे़ थे। इन्हें ही चित्रगुप्त नाम दिया गया। ब्रह्मा जी ने इन दिव्य पुरुष को महाकाल नगरी में जाकर तपस्या करने को कहा। ये दिव्य पुरूष उज्जैन आए और यहां घोर तप किया। इसके प्रभाव से सृष्टि के प्रत्येक प्राणी के कर्मों का लेखा-जोखा रखने की शक्ति चित्रगुप्त को प्राप्त हुई। उन्होंने मानव कल्याण के लिए शक्तियां अर्जित कीं।
भगवान का विशेष पूजन
चित्रगुप्त भगवान का पूजन विशेषतौर पर कार्तिक शुक्ल द्वितीया व चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की द्वितीया को किया जाता है। दीपावली के पश्चात द्वितीया तिथि पर मनाई जाने वाली भाईदूज पर भी इसका महत्व होता है। मान्यता के अनुसार इस दिन धर्मराज अपनी बहन से मिलने उसके घर पहुंचे। इस दिन चित्रगुप्त वंशजों ने भगवान चित्रगुप्त जी का विधि विधान से पूजन किया।
पूजन में महासभा के प्रदेश अध्यक्ष चित्रांश कुलदीप माथुर के अलावा प्रदेश संगठन सचिव नीरज कुलश्रेष्ठ, जिला अध्यक्ष चित्रांश नितिन भटनागर, किशोर माथुर, जिला महामंत्री राजेश भटनागर, प्रदीप कुलश्रेष्ठ, शीला माथुर, मयूर सक्सेना, वैभव माथुर, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष चित्रांश भूपेन्द्र सक्सेना, प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश भटनागर (नवाब सहाब), प्रदेश संचिव सुनील भटनागर, प्रदेश संचिव पंकज रूप राय माथुर जी आदि चित्राश बन्धु शामिल रहे।