July 12, 2025

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प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मांग: डमी एडमिशन पर निष्पक्षता रखे राज्य सरकार, सरकारी स्कूलों पर भी हो सख्ती

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मांग: डमी एडमिशन पर निष्पक्षता रखे राज्य सरकार, सरकारी स्कूलों पर भी हो सख्ती

• दावा-निजी विद्यालय डमी एडमिशन नहीं करने के लिए संकल्पित

• नई कोचिंग गाइड लाइन की पालना की जताई आवश्यकता

एनसीआई@बूंदी

निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर की ओर विद्यालयों में डमी एडमिशन को लेकर जारी किए गए निर्देशों का प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने स्वागत किया है। मगर सरकारी स्कूलों के लिए भी इसकी पालना सुनिश्चित करने की आवश्यकता जताई है। गुरुवार दोपहर आयोजित पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन ने यह बात कही।

एसोसिएशन के बूंदी जिलाध्यक्ष हरीश तिवारी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से डमी एडमिशन को लेकर जारी किए गए निर्देश स्वागत योग्य हैं। मगर इनमें विरोधाभास भी है। हम इसे लेकर नाराजगी प्रकट करते हैं।

तिवारी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग ने डमी एडमिशन पर जारी अपने आदेश में सिर्फ निजी विद्यालयों को ही टारगेट किया है, जबकि डमी एडमिशन सरकारी विधालय भी करते हैं। उनके लिए न तो कोई निर्देश जारी किए गए हैं और न ही इस पर स्थिति स्पष्ट की है। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार सिर्फ निजी विद्यालयों पर कार्यवाही करती है, जबकि डमी एडमिशन करने में सबसे बड़ा हाथ सरकारी विद्यालयों का है। एसोसिएशन ने कहा कि डमी एडमिशन को लेकर जारी किए गए निर्देशों की निजी विद्यालय पूरी तरह पालना करेंगे, मगर विभाग निष्पक्षता रखते हुए डमी एडमिशन करने वाले सरकारी विद्यालयों पर भी कार्यवाही करे।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश की पालना 6 माह बाद भी नहीं हुई

एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिओम शर्मा व गुरुमीत सिंह ने कहा कि बीती 13 जनवरी को माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को डमी एडमिशन पर रोक लगाने व केन्द्र सरकार के निर्देशों की पालना करने के निर्देश दिए थे। इसके पांच दिन बाद जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने निजी गैर सरकारी विद्यालयों से माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्र की पालना करवाने के लिए समस्त ब्लाॅक शिक्षा अधिकारियों निर्देश देकर इतिश्री कर ली। मगर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने 6 माह में भी शिक्षा निदेशक के निर्देशों की पालना नहीं की। ना ही डमी एडमिशनों के बारे में ब्लाॅक शिक्षा अधिकारियों ने विभाग को रिपोर्ट भेजी। बस सब मिलकर निजी विद्यालयों को दोषी ठहराने मे जुटे हुए हैं।

सरकारी विद्यालयों की तर्ज पर मिलें सुविधाएं

एसोसिएशन के सदस्य जावेद अहमद व दिनेश गोस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार जो सुविधाएं सरकारी विधालयों को प्रदान करती है, उन सुविधाओं के हकदार निजी विद्यालय भी हैं। क्योंकि यह बेहतर शिक्षा के साथ आशानुरूप परीक्षा परिणाम देकर बच्चों के भविष्य को निखारने का काम बेहतर ढंग से करते हैं। निजी विद्यालयों के लिए भी छात्रवृति, स्कूटी, लेपटाॅप जैसी योजनाएं लागू करनी चाहिएं। इसी प्रकार सरकारी विद्यालयों के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को दिए जाने वाले पुरस्कार निजी विद्यालयों के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को भी दिए जाएं। साथ ही आरटीई की राशि का समय पर पुनर्भरण हो।

नई कोचिंग गाइड लाइन की हो पालना

एसोसिएशन के सदस्य सुमित नुवाल व आशीष जाजू ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार की ओर से कोंचिंग संस्थानों के लिए जारी की गई नई गाइड लाइन की पालना नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे कोचिंग संस्थान शिक्षा विभाग के सरंक्षण में मनमानी कर रहे हैं। राज्य सरकार को कोचिंग संस्थानों के लिए बनाई गई नई गाइड लाइन की पालना करवाने के लिए कार्य योजना बनाकर जिलों में अधिकारियों से माॅनिटरिंग करवानी चाहिए। वही स्कूल समय में कोचिंग संस्थान नहीं चलें, इसकी भी सुनिश्चिता होनी चाहिए।

अभिभावक मान्यता देखकर ही दिलवाएं प्रवेश

एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव लोकेश सुखवाल ने कहा कि अभिभावकों को विद्यालय की मान्यता, उसमें चलने वाले संकायों व माध्यम की पूरी जानकारी लेकर ही अपने बच्चों का एडमिशन करवाना चाहिए। किसी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए।

पत्रकार वार्ता में ये भी रहे मौजूद

पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हरीश तिवारी, रवि प्रताप सिंह, राजेश पब्बी, दिनेश गोस्वामी, महेश वर्मा, महेश गौतम, अशोक जायसवाल, कैलाश जांगिड़, प्रमोद शर्मा, जयसिंह, लोकेश जैन आदि निजी स्कूल संचालक भी मौजूद रहे।

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