आखिर किसानों की करनाल प्रशासन से बनी बात, आंदोलन खत्म
1 min readएनसीआई@चंडीगढ़
हरियाणा (Haryana) के करनाल (Karnal) में किसानों (Farmers) और प्रशासन के बीच गतिरोध खत्म हो गया है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और प्रशासन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का ऐलान किया गया। इसमें बताया गया कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ न्यायिक जांच की जाएगी। जांच के दौरान आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे।
एक महीने के भीतर पूरी होगी न्यायिक जांच
एसीएस देवेंद्र सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 28 अगस्त को हुई लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की जाएगी, जिसकी निगरानी रिटायर्ड हाईकोर्ट जज करेंगे। जांच के दौरान तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। पीड़ित परिवार को एक हफ्ते के अंदर नौकरी दे दी जाएगी। मृतक किसान के परिवार के दो लोगों को नौकरी देने की बात कही गई है। एक महीने के भीतर यह न्यायिक जांच पूरी करने की बात कही गई है। किसानों की मांग पर सरकार की हामी के बाद करनाल में धरने पर बैठे किसानों ने प्रदर्शन खत्म करने का ऐलान किया है।
गुरनाम सिंह चढूनी ने इस मसले पर कहा कि हां हमने FIR की मांग की थी, लेकिन न्यायिक जांच ज्यादा बेहतर है। अगर उन लोगों ने जांच की होती तो शायद जांच प्रभावित भी होती, लेकिन अब जांच की निगरानी हाईकोर्ट जज करेंगे, यह ज्यादा बेहतर है। चढूनी ने बताया कि मृतक किसान सुशील काजल के परिवार के दो लोगों को नौकरी दी जाएगी।
मिनी सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे थे किसान
उल्लेखनीय है कि किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर किसान करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर लगातार धरने पर बैठे हुए थे। किसानों ने लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।बताया जा रहा है कि करनाल में लाठीचार्ज के बाद किसान और आक्रामक हो गए थे, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने कई बैठकें की थीं।
इससे पहले बताया गया था कि लाठीचार्ज की घटना के बाद विरोध कर रहे किसानों की ज्यादातर मांगों को हरियाणा सरकार मानने के लिए राजी हो गई है। एसडीएम आयुष सिन्हा जिनके सस्पेंशन की मांग की जा रही थी, इस मुद्दे पर किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत यह हुई है कि सरकार इस मामले में एक न्यायिक जांच कराएगी।