कैट (CAIT) की घोषणा: 26 फरवरी को भारत व्यापार बन्द और चक्का जाम
1 min read
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. आदित्य नाग।
राजस्थान से भी शामिल हुए राष्ट्रीय एवं प्रदेश कार्यकारिणी कैट (CAIT) के सदस्य
एमसीआई@जयपुर
कैट (CAIT) की गवर्निंग काउंसिल की नागपुर में हुई तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन 9 फरवरी को जीएसटी एवं ई कॉमर्स जैसे मुद्दों पर सरकार पर विफलता और व्यापार एवं व्यापारियों को पूर्ण रूप से खत्म करने की साजिश का आरोप लगाते हुए सरकार और उसकी नीति का पुरजोर विरोध किया। इन सब मुद्दों को लेकर 26 फरवरी को भारत व्यापार बंद का आह्वान किया गया।
बैठक में शामिल व्यापारी नेताओं का कहना था कि सरकार जीएसटी जैसे मुद्दों को सरल बनाने की जगह गुमराह हो गई है और इसे और भी जटिल बना दिया है। सरकार एक देश, एक टेक्स के मुद्दे को भी भूल गई है। इनका कहना था कि देश में जिस प्रकार इन्स्पेक्टर राज पनप रहा है, उससे व्यापार करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। उधर, फ्लिपकार्ट और अमेजॉन ने खुदरा व्यापार बिलकुल खत्म कर दिया है। इनके द्वारा वस्तुओं को आधे दाम में घर पहुंचाया जा रहा है। इससे बाजारों में कोई चहल-पहल नहीं है।
इस बैठक में राजस्थान से राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीमा सेठी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. आदित्य नाग, प्रदेश कार्यकारिणी से रमेश पुरोहित, मनोज आदि पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में देशभर के 200 से अधिक ट्रेड लीडर्स ने 26 फरवरी को जीएसटी के प्रावधानों के खिलाफ देशव्यापी बंद का ऐलान किया। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) के प्रमुख निकाय ने 26 फरवरी को कैट (CAIT) कॉल को समर्थन देने और ट्रांसपोर्टर्स के चक्का जाम की घोषणा की है। कैट (CAIT) की राष्ट्रीय संचालन परिषद की तीन दिवसीय बैठक में नागपुर में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया।
बैठक में शामिल व्यापारी नेताओं का कहना था कि जीएसटी एक जटिल कराधान प्रणाली है, जो जीएसटी की घोषित बुनियादी बातों के खिलाफ है। व्यापारियों को उच्च अनुपालन के साथ लोड किया जाता है और यहां तक कि अनजाने में त्रुटि होने पर व्यापारियों को दंड और कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। हम केन्द्रीय वित्त मंत्री से जीएसटी की समीक्षा करने और इसे एक सरलीकृत और युक्तिसंगत कर प्रणाली बनाने की मांग करते हैं।
इस बैठक में कैट के संगरक्षक महेन्द्र भाई, राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रिज मोहन अग्रवाल, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल सहित देश के सभी 32 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री, अन्य व्यापारी नेता मौजूद रहे।