आरएएस के इंटरव्यू में अच्छे नम्बर नहीं दिला सके, 20 लाख रुपए लौटाने आ रहे थे, स्कूल प्रिंसिपल सहित तीन आरोपी धरे गए
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एनसीआई@जोधपुर/बाड़मेर
जोधपुर एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरएएस (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) भर्ती परीक्षा 2018 के साक्षात्कार में अच्छे नम्बर नहीं दिला सकने पर अभ्यर्थी को वापस उसके 20 लाख रुपए लौटाने आ रहे बाड़मेर के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल सहित दो जनों को हिरासत में लिया। जांच में स्कूल प्रिंसिपल से 19.95 लाख रुपए बरामद हुए हैं। इनसे हुई पूछताछ के आधार पर जोधपुर निवासी दलाल को बाद में दस्तयाब किया गया। उल्लेखनीय है कि जबसे आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ है, तभी से यह काफी विवादों में है।
जानकारी के अनुसार बाड़मेर निवासी युवक हरीश जाट का आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 की लिखित परीक्षा में चयन हो गया था। उसने साक्षात्कार में 70-75 अंक दिलाने का वादा करने पर आरोपियों को 20 लाख रुपए दिए थे, मगर उसे 166 वीं रैंक मिली। इस प्रकार हरीश को कम नम्बर मिले तो उसने आरोपियों से अपने रुपयों का तकाजा किया। वे इतने ईमानदार निकले कि रुपए लौटाने को राजी हो गए। इस पर दो आरोपी जोधपुर निवासी दलाल को दिए हुए 20 लाख रुपए लेकर हरीश को लौटाने के लिए बाड़मेर आ रहे थे। जोधपुर एसीबी को इस बात की जानकारी मिली तो ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह लखावत ने 28 जुलाई की रात 10 बजे बाड़मेर पहुंच कर कल्याणपुर थाना इलाके में नाकाबंदी करवाई। बाद में आती दिखी संदिग्ध बोलेरो गाड़ी को रोक कर जांच की गई। इसमें सवार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पनवाड़, बाड़मेर के प्रिंसिपल जोगाराम से राशि बरामद हो गई। इसके साथ मदर टेरेसा सीनियर सेकंडरी स्कूल, बाड़मेर का संचालक ठाकराराम भी था। इनसे हुई पूछताछ के आधार पर एक अन्य दलाल किशनाराम को बासनी तम्बोलिया, जोधपुर से दस्तयाब किया गया। तीनों आरोपियों को जोधपुर लेकर आया गया। यहां इनसे पूछताछ की जा रही है।
यह घटनाक्रम आया सामने
हरीश जाट ने इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई करने पर अपने चाचा ठाकराराम से सम्पर्क किया। ठाकराराम ने अपने परिचित जोगाराम को यह बात बताई। इसके बाद जोगाराम ने किशनाराम से बात की। किशनाराम ने आरपीएससी में कार्यरत अपने एक रिश्तेदार के माध्यम से हरीश को 70-75 अंक दिलाने का वादा किया, मगर इसके लिए 20 लाख रुपए मांगे। हरीश ने इसके लिए हामी भर दी, जोगाराम के माध्यम से यह रुपए किशनाराम को दिए गए थे। हरीश के मगर साक्षात्कार में 54 अंक ही आए।