चलो बुलावा आया है, माता ने….. नहीं रहे भजन सम्राट नरेन्द्र चंचल
1 min readएनसीआई@नई दिल्ली
माता की भेंट गाने वाले जाने माने गायक नरेन्द्र चंचल का आज शुक्रवार को 80 साल की उम्र में निधन हो गया। सर्वप्रिय विहार स्थित घर में उन्होंने अंतिम सांस ली। वो लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। नरेन्द्र चंचल ने बचपन मातारानी के भजन गाते हुए बिताया था। उनके भजन घर-घर मशहूर हुए। नरेन्द्र चंचल निधन के समाचार से उनके प्रशंसकों के साथ माता के श्रद्धालुओं में शोक की लहर दौड़ गई है।
पीएम मोदी ने जताया दुख
पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी नरेन्द्र चंचल के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा- लोकप्रिय भजन गायक नरेन्द्र चंचल जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने भजन गायन की दुनिया में अपनी ओजपूर्ण आवाज से विशिष्ट पहचान बनाई। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम् शांति!
हरभजन सिंह ने भी व्यक्त किया शोक
क्रिकेटर हरभजन सिंह ने नरेन्द्र चंचल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा- ये जानकर बहुत दुख हुआ कि प्रतिष्ठित और सबसे ज्यादा प्यारे नरेन्द्र चंचल हमें छोड़कर चले गए। उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना। उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना। दलेर मेहंदी ने भी नरेन्द्र चंचल के निधन पर दुख जाहिर किया है।
इन बॉलीवुड फिल्मों में गाया गाना
उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र चंचल पिछले कई दशकों से कीर्तन और जगरातों की दुनिया में सक्रिय थे। उन्होंने राज कपूर की फिल्म बॉबी में ‘बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो’ गाना गाकर संगीत की दुनिया में एक अलग पहचान कायम की थी। ये गाना आज भी लोगों की जुबान पर रहता है। नरेन्द्र ने 1974 में बेनाम फिल्म में ‘मैं बेनाम हो गया’, 1974 में ही रोटी, कपड़ा और मकान में ‘बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई’ गाने को अपनी आवाज देकर उन्हें मशहूर कर दिया।
नरेन्द्र चंचल ने फिल्म ‘आशा’ 1980, में तूने मुझे बुलाया शेरावालिए गाया, जो काफी हिट हुआ था। इसके बाद 1983 में फिल्म अवतार के लिए उन्होंने भजन ‘चलो बुलावा आया है’ गाया, ये शबाना आजमी और राजेश खन्ना पर फिल्माया गया था।
इसके अलावा उन्होंने 1985 में फिल्म काला सूरज के लिए दो घूंट पिला दे और 1994 में फिल्म अनजाने के लिए हुए हैं कुछ ऐसे वो हमसे पराए गीत गाया।
मां की वजह से बढ़ी थी भजनों में रुचि
नरेन्द्र चंचल का जन्म 16 अक्टूबर 1940 में पंजाबी परिवार में हुआ था। नरेन्द्र चंचल की अपनी मां की वजह से भजनों में रुचि बढ़ी थी। उन्होंने बचपन से ही अपनी मां को मातारानी के भजन गाते सुना था। नरेन्द्र अपनी पहली गुरु अपनी मां को माना करते थे। इसके बाद चंचल ने प्रेम त्रिखा से संगीत सीखा, फिर वो भजन गाने लगे थे। नरेन्द्र चंचल ने मिडनाइट सिंगर नामक एक बायोग्राफी भी जारी की, जो उनके जीवन, संघर्षों और कठिनाइयों को बताती है।
कोरोना पर नरेन्द्र चंचल का भजन
मार्च 2020 में नरेन्द्र चंचल का एक वीडियो वायरल हो हुआ था। इसमें वे मां दुर्गा का एक भजन गाते दिखे थे। इसमें उन्होंने कोरोना का भी जिक्र किया था। नरेंद्र चंचल द्वारा जगराते में गाया गया उनका वीडियो लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुआ। इसमें उन्होंने गाया कि डेंगू भी आया और स्वाइन फ्लू भी आया, चिकन गोनिया ने शोर मचाया, कित्थे आया कोरोना?