बू्न्दी: जिलेभर में 6 दिवसीय बालिका जन चेतना यात्रा 11 से, प्रशासन व स्काउट गाइड करेगा आयोजन
1 min readएनसीआई@बून्दी
जिला प्रशासन व भारत स्काउट गाइड की ओर से अन्तरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक (छह दिवसीय) व्यापक जनचेतना यात्रा आयोजित की जाएगी। बून्दी से हिंडोली, नैनवां, लाखेरी, केशवराय पाटन, तालेड़ा व बून्दी तक निकाली जाने वाली इस यात्रा में मोटर साइकिल, जागृति रथ प्रचार प्रसार संसाधन शामिल होंगे।
स्काउट प्रवक्ता सर्वेश तिवारी ने बताया कि जनचेतना यात्रा के स्थायी दल में प्रभारी देवीसिंह सैनानी लीडर ट्रेनर स्काउट मण्डल प्रशिक्षण आयुक्त के नेतृत्व में यूनिट लीडर बृजेश कुमार, विश्वजीत जोशी, शम्भूदयाल शर्मा, हेमराज ओड, बाबूलाल राठौर, छोटूलाल, बसंत सिंह तथा रोवर लोकेश सैनी, जसपाल सिंह, राजू सैनी व लाइकुद्दीन शामिल रहेंगे। वहीं स्काउट गाइड संगठन सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी व कर्मचारी इसमें विभिन्न स्थानों पर सहभागिता करेंगे।
वहीं, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर से प्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए राज्य स्तरीय कोरोना के जन आन्दोलन अभियान के प्रचार प्रसार के लिए आयोजित यात्रा का शुभारम्भ 11 अक्टूबर को बून्दी से होगा, जो हिंडोली, नैनवां, लाखेरी, केशवराय पाटन, तालेड़ा होते हुए 16 अक्टूबर को बून्दी में सम्पन्न होगी। यात्रा के दौरान बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, सड़क सुरक्षा, फिट इंडिया फिट इंडिया, पर्यावरण चेतना तथा मैसेंजर ऑफिस के तहत विभिन्न जनचेतना गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यात्रा दल में मोटर साइकिल जन जागृति रथ प्रचार-प्रसार सामग्री के साथ विभिन्न प्रचार संसाधन शामिल होंगे। जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जन जागृति का वातावरण निर्माण करने के उद्देश्य से आयोजित इस जागृति यात्रा को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग, सूचना व जनसम्पर्क विभाग, महिला अधिकारिता विभाग सहित विभिन्न विभागों द्वारा आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
शुक्रवार को आयोजन से जुड़ी विभिन्न तैयारियों को लेकर स्काउट मुख्यालय पर आयोजन से जुड़े सेनानी सहित सीओ स्काउट गिरिराज गर्ग, क्वार्टर मास्टर रमेश चंद पारीक, संयुक्त सचिव रजिया खातून, प्रवक्ता सर्वेश तिवारी, विश्वजीत जोशी, हेमराज ओड, लाइकउद्दीन, जसपाल सिंह, युवराज, जगदीश प्रजापत, राजू सैनी, भैरू लाल व हंसराज चौधरी ने कार्यक्रमों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया।