वसुंधरा और गहलोत के गठजोड़ की वजह से राज्य बर्बादी की कगार पर, 20 साल से मिली भगत: बेनीवाल
1 min readएनसीआई@कोटा
राजस्थान में भाजपा के सहयोगी दल आरएलपी से सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे पर मिली भगत का आरोप लगाते इनके इस कथित गठबंधन को राज्य की बर्बादी के लिए जिम्मेदार ठहराया। शुक्रवार को कोटा पहुंचे बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत और वसुंधरा पर यह जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि 20 साल से राजस्थान में यह मिलाजुली का खेल चल रहा है। बेनीवाल यहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला केे पिता के निधन पर उनके आवास पर शोक प्रकट करने आए थे।
बेनीवाल ने कहा कि, राजस्थान शांत प्रदेश हुआ करता था। लोग उत्तर प्रदेश और बिहार से जमीन बेचकर बच्चों को पढ़ाने के लिए जयपुर आते थे। वही राजस्थान अब गैंगवार का अड्डा बन गया है। इसके लिए 20 साल का गठबंधन दोषी है। आरएलपी नेता एवं सांसद बेनिवाल ने कहा कि राजस्थान में लगातार 5 रेप की घटनाएं हुईं। राजस्थान महिला उत्पीड़न में उत्तर प्रदेश से भी आगे है। इसके लिए कांग्रेस की सरकार जिम्मेदार है। राजस्थान में मिलाजुली का खेल आपने भी देखा होगा। वसुंधरा जी की सरकार में जो अधिकारी थे, वो गहलोत की सरकार में हैं। वहीं, गहलोत की सरकार में जो अधिकारी थे, वो ही वसुंधरा के निजी अधिकारी थे। इस मिलाजुली के खेल को कौन खत्म करेगा। बेनीवाल ने कहा कि, ‘इसका जिम्मा आरएलपी पार्टी ने उठाया है।’
कृषि बिल किसानों के हित में नहीं
बेनीवाल ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार तीन कृषि बिल लेकर आई है। हमने तीनों बिलों को पढ़ा है। इससे किसानों का भला नहीं होने वाला है। जब ये बिल पास किए गए, मुझे कोरोना था, इसलिए लोकसभा में मौजूद नहीं रह सका। बाद में लोकसभा पहुंचा। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू होने से ही किसानों का भला हो सकता है। मैं खुद किसान का बेटा हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसपी खत्म नहीं होगी, लेकिन हम चाहते हैं कि किसान को लागत से डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिलें।
बेनीवाल कहा कि मैं खुद किसानों से मिलूंगा। साथ ही प्रधानमंत्री जी से भी निवेदन करूंगा कि इसमें लिखा है कि किसान और व्यापारी में किसी बात को लेकर मतभेद होता है तो अंतिम निर्णय एसडीएम करेगा। न्यायालय में आप नहीं जा सकते। अगर कोर्ट नहीं जा सकते तो किसान कहां जाएगा? झगड़े को निपटाएगा कौन? इसलिए आरएलपी पार्टी इन कृषि बिलों का विरोध कर रही है।
राजस्थान में लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ भी दम तोड़ रहा
गहलोत सरकार पर हमला जारी रखते हुए बेनीवाल ने आगे कहा कि, प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल है। तीन महीने तक सरकार में किस तरह की गुटबंदी रही, सबने देखी। राजस्थान के मुख्यमंत्री को अपने विधायकों पर इतना अविश्वास हो गया कि उन्हें जयपुर में रखा, फोन टेप हुए। अब मीडिया की सिविल लाइंस में एंट्री भी बंद कर दी। पत्रकारों पर भी एफआईआर की जा रही है। लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ भी राजस्थान में दम तोड़ रहा है। मीडिया बात नहीं उठाएगा तो कौन उठाएगा?