पहले से शादीशुदा आफरीन को आरती बताकर ढाई लाख रुपए में कर दी शादी, फर्जी शादी गैंग का खुलासा
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एनसीआई@बांसवाड़ा
कलिंजरा थाना क्षेत्र के इटाउवा गांव के एक हिन्दू युवक से ढाई लाख रुपए लेकर फर्जी शादी गैंग ने एक शादीशुदा मुस्लिम लड़की से उसकी शादी करा दी। मगर उस युवक की सजगता से यह मामला पहली रात को पकड़ में आ गया। पुलिस ने उसकी शिकायत पर इस अन्तरराज्यीय फर्जी शादी गैंग के 5 जनों को गुजरात के सूरत जिले से गिरफ्तार कर लिया है, इनमें फर्जी दुल्हन भी शामिल है।
कलिंजरा थाने के सीआई देवीलाल मीणा ने बताया कि थाना क्षेत्र के इटाउवा गांव निवासी भरत पटेल ने रिपोर्ट दी थी कि उसकी उम्र 40 साल हो जाने के बावजूद भी शादी नहीं हुई थी। इसलिए वह शादी करने के लिए लड़की की तलाश में था। इसी बीच वह छिंछ गांव के कल्याण कलाल के जरिये सूरत के एक दलाल नवघण भाई उर्फ गोविन्द भाई निवासी भवानीवाटी, रेबारीवास तहसील, सिरोही जिला, हाल बनासकांठा, गुजरात के सम्पर्क में आया। उसने उसकी शादी करवाने की हामी भरी और एक औरत सोनी गुप्ता से मिलवाया।
सोनी गुप्ता और उसके साथ के सागर ने एक लड़की आरती को अपनी बहन बताकर उससे शादी करवाने की बात कही। वे इसके लिए बांसवाड़ा आने के लिए भी तैयार हो गए। कुछ दिन बाद वे लोग बांसवाड़ा के बागीदौरा में आए। वहां ढाई लाख रुपए लेकर, स्टाम्प पर लिखा पढ़ी कर आरती से शादी करवाकर चले गए।
ऐसे हुआ पर्दाफाश
इसके बाद रात को आरती ने भरत के फोन से 2-3 बार किसी से बात की। इस बातचीत पर तो उसने ध्यान नहीं दिया, मगर मोबाइल फोन की रिकॉर्डिंग ऑन होने से उसने बाद में वह रिकॉर्डिंग सुनी। उसे पता चला कि आरती किसी व्यक्ति को उसके घर और गांव की लोकेशन बता रही थी। साथ ही वापस भागने की बात कर रही थी। इस पर उसने आरती से सख्ती से पूछताछ की तो उसने स्वयं को आफरीन पत्नी सलीम मुसलमान निवासी कानपुर, उत्तर प्रदेश बताया। इस प्रकार वह इस ठग गैंग के हाथों ढाई लाख की ठगी का शिकार हो गया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की।
सभी कागजात बना रखे थे नकली
आफरीन से पूछताछ और अनुसंधान से पता चला कि यह अन्तरराज्यीय गैंग से जुड़ा हुआ मामला है, जो इस प्रकार शादी कराकर धोखधाड़ी करता है। इसमें सोनी गुप्ता, सतीश गुप्ता जो सोनी गुप्ता का प्रेमी है. सागर और संजू शामिल है। यह गैंग गरीब व मजबूर लड़कियों को लाकर इस गैंग में शामिल करते हैं और जरूरतमंद लड़कों को तलाश कर ऐसी ठगी करते हैं। इसके लिए सोनी गुप्ता शादी के दलालों से सम्पर्क में रहती है। उनके इस फर्जीवाड़े की साजिश से दलाल को भी अनभिज्ञ रखा जाता है। शादी के कुछ दिन बाद लड़की बहाना बनाकर या चुपके से घर से भाग जाती है। आधार कार्ड व अन्य कागजातों के फर्जी होने से पीड़ित व्यक्ति या पुलिस भी उन्हें ढूंढ नहीं पाती है।
साइबर शाखा से ली गई मदद
यह गैंग विभिन्न शहरों में किराए के मकान लेकर अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए शिकार फांसते हैं। इन तथ्यों को उच्चाधिकारियों की जानकारी में लाया गया। इसके आधार पर एसपी बांसवाड़ा कावेन्द्र सिंह सागर के निर्देशानुसार एएसपी देवाराम चौधरी (सीओ बागीदौरा) के निर्देशन में थानाधिकारी कलिंजरा देवीलाल के नेतृत्व में एक विषेष टीम का गठन किया गया। इसने साइबर शाखा की सहायता से आरोपियों की लोकेशन सूरत में पता की। इस पर विशेष टीम सूरत पहुंची और तकनीकी इनपुट के आधार पर उनका ठिकाना तलाशा। इसमें थानाधिकारी लिम्बायत, सूरत की सहायता भी ली गई। अब पुलिस इस गैंग की ठगी का शिकार हुए अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है।