कांस्टेबलों का ग्रेड पे बढ़ाकर शिक्षकों के बराबर 3600 करने की मांग वित्त विभाग ने खारिज की
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एनसीआई@जयपुर
राजस्थान में पुलिस कांस्टेबलों के ग्रेड पे बढ़ाने की मांग झटका लगा है। राज्य के वित्त विभाग ने इस मांग को उचित नहीं मानते हुए खारिज कर दिया। कांस्टेबलों का ग्रेड पे बढ़ाने के आंदोलन के तहत प्रदेश के कई विधायकों, सांसदों, पूर्व नेताओं सहित कई सामाजिक संगठनों ने भी राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय के सवाल के जवाब में वित्त विभाग मैं यह जानकारी दी है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में करीब 87 हजार से ज्यादा पुलिस कांस्टेबल हैं। इन कांस्टेबलों की मांग थी कि उनका ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर तृतीय क्षेणी शिक्षकों के समान 3600 किया जाए। इस सम्बन्ध में वित्त विभाग ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे पहले भी यह मांग उठ चुकी है, लेकिन, 20 सितम्बर 2017 को विशिष्ट शासन सचिव वित्त (व्यय) की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी द्वारा इस मांग का परीक्षण किया गया था। उसमें इसे युक्तिसंगत नहीं माना गया। ऐसे में वित्त विभाग कांस्टेबलों की ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर 3600 नहीं करेगा। यहां यह बताना भी जरूरी है कि पुलिस कांस्टेबलों ने दो महीने पहले सोशल मीडिया पर उनका ग्रेड पे बढ़ाने का मुद्दा उठाया था।
ग्रेड पे बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर चलाई थी मुहिम
करीब दो महीने पहले राजस्थान के कॉन्स्टेबलों ने अपना ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई थी।#राजस्थान_पुलिस_3600GP नाम से ट्विटर पर भी ट्रेंड करवाया था। इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और सीएमओ को भी टैग किया गया था। पुलिसवालों की इस मांग को लेकर 100 से ज्यादा विधायकों, सांसदों सहित कई जनप्रतिनिधियों ने समर्थन देते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था। विधायकों ने राजस्थान विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था।
ये थी राजस्थान पुलिस के कांस्टेबलों की मांगें
-ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर तृतीय शिक्षकों के समान 3600 किया जाए
-मैस भत्ता 2 हजार मासिक से बढ़ाकर 4 हजार किया जाए
-हार्ड ड्यूटी अलाउंस (अतिरिक्त ड्यूटी) 4.5 रुपए प्रति घंटे से बढ़ाकर 10 रुपए प्रति घंटे किया जाए
-गृह जिले में ट्रांसफर न्यूनतम 14 साल से घटाकर 5 साल में किया जाए
-मोबाइल रिचार्ज 500 रुपए प्रति माह दिया जाए
-वाहन भत्ता पेट्रोल 50 रुपए मासिक से बढ़ाकर 2000 रुपए प्रतिमाह किया जाए।
इन सभी के जवाब देते हुए वित्त विभाग ने पुलिस कांस्टेबलों की मांगों को गृह विभाग, कार्मिक विभाग या वित्त विभाग के अधीन बताते हुए फिलहाल इन सभी मानने से इंकार कर दिया है।