अपना बोर्ड बनाने के लिए कांग्रेस कर रही सत्ता का दुरुपयोग, निर्दलीय पार्षदों को पुलिस धमका रही: राजेन्द्र राठौड़
1 min readएनसीआई@जयपुर/कोटा
राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष एवं नगर निगम चुनाव में कोटा जिला समन्वयक राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस नेताओं पर कोेटा दक्षिण नगर निगम में बोर्ड बनाने के लिए सत्ता का दुरूपयोग करने का गम्भीर आरोप लगाया है। राठौड़ ने कहा है कि कोटा दक्षिण में येन केन प्रकारेण अपना बोर्ड बनाने के लिए स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के इशारे पर पुलिस निर्दलीय पार्षदों और उनके परिजनों पर कांग्रेस का समर्थन करने के लिए धमका रही है।
राठौड़ ने अपने एक वक्तव्य में कहा है कि, कोटा दक्षिण नगर निगम में बोर्ड बनाने के लिए भाजपा के पास अब पर्याप्त समर्थन है। चार निर्दलीय पार्षद भाजपा के समर्थन की घोषणा भी कर चुके हैं। यह कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है। वे किसी भी तरह कोटा दक्षिण में कांग्रेस का बोर्ड बनाने के लिए सभी तरह के गलत हथकंडे अपना रहे हैं। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने इन निर्दलीय पार्षदों को पहले पैसों और भूखंड आवंटन का लालच दिया, लेकिन जब ये नहीं माने तो उन्हें आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकियां दी जाने लगीं। ऐसे में ये निर्दलीय पार्षद स्वेच्छा से भाजपा को समर्थन देते हुए सुरक्षित स्थान पर चले गए।
सब मंत्री धारीवाल की शह पर हो रहा
अपने इस वक्तव्य में राठौड़ ने कहा है कि अब कांग्रेस नेता पुलिस का इस्तेमाल कर इन निर्दलीय पार्षदों के घर जाकर उनके परिजनों को धमकियां दे रहे हैं। इन निर्दलीय पार्षदों के साथ किसी भी प्रकार की घटना घटित हो सकने की बात कह कर उन पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा है। डरा-धमकाकर निर्दलीय पार्षदों की गुमशुदगी या भाजपा द्वारा अपहरण कर लिए जाने की रिपोर्ट दिलवाई जा रही है। इतना ही नहीं सर्दी के मौसम में पुलिस उनके बुजुर्ग परिजनों को गाड़ी में बिठाकर इधर-उधर घुमा रही है। राठौड़ का आरोप है कि यह सब मंत्री शांति धारीवाल की शह पर किया जा रहा है।
राठौड़ ने कहा कि परिसीमन में कांग्रेस ने जो किया उसका प्रभाव सभी को दिख रहा है। एक वर्ग के तुष्टिकरण के लिए धारीवाल कोटा का सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने से भी पीछे नहीं रहे।
राठौड़ ने कहा कि पिछले दिनों धारीवाल ने कोटा दक्षिण में भी कांग्रेस का ही बोर्ड बनने का दावा किया था, लेकिन निर्दलीय पार्षदों के खुलकर भाजपा के साथ आ जाने के कारण कांग्रेस नम्बर गेम में फंस गई। कांग्रेस अब 10 नवम्बर को महापौर पद के लिए होने वाली वोटिंग के बाद खुद के नीचा देखने की नौबत आते देख कुछ भी करने को तैयार है। इस वक्तव्य में आगे कहा गया है कि, मंत्री धारीवाल जी के तेवर को देखते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी दबाव में गलत काम करने से मना नहीं कर पा रहे हैं। पिछले दिनों कोटा दक्षिण क्षेत्र में कार्यरत एक पुलिस उपअधीक्षक ने जब दबाव में गलत काम करने से मना किया तो उनको एपीओ कर दिया गया। ऐसे में पुलिसकर्मी वही कर रहे हैं , जो उन्हें जयपुर से कहा जा रहा है।
चुनाव आयोग से पर्यवेक्षक भेजने व सुरक्षा की मांग
राठौड़ ने कहा कि ऐसे हालतों को देखते हुए इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस के दबाव में अधिकारी मतदान में भी धांधली करवा दें। इस स्थिति के चलते उन्होंने राज्य चुनाव आयोग से कोटा दक्षिण निगम के मेयर के मतदान के समय पर्यवेक्षक भेजने तथा भाजपा का समर्थन कर रहे निर्दलीय पार्षदों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की है।
राठौड़ ने अंत में दावा किया है कि 10 नवम्बर को भाजपा कोटा दक्षिण नगर निगम में बोर्ड बनाने में कामयाब होगी और विवेक राजवंशी महापौर बनेंगे। साथ ही उन्होंने कांग्रेस व मंत्री धारीवाल को सलाह दी है कि वे कोटा दक्षिण की चिंता छोड़कर कोटा उत्तर पर ध्यान दें, कांग्रेस के पार्षदों को सम्भालें। कोटा उत्तर में महापौर को लेकर हुई लड़ाई सबके सामने आ चुकी है। धारीवाल ने नयापुरा के एक समर्पित कार्यकर्ता की बहू जो कि पूर्व में पार्षद रह चुकी है को दरकिनार कर अपने बेटे की पसंद के आधार पर पार्षद मन्जू मेहरा को महापौर पद का दावेदार बना दिया। इससे वाल्मीकि समाज में जबरदस्त रोष है। उपमहापौर पद के लिए भी कांग्रेस में जबरदस्त सिर फुटव्वल चल रही है। वहां नदीपार और बोरखेड़ा क्षेत्र के पार्षद ने दबाव बनाया हुआ है। वहीं तुष्टिकरण की नीति के कारण उपमहापौर किसी अल्पसंख्यक को बनाने की खबरों के बीच सामान्य वर्ग के कांग्रेसी पार्षद खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।