इमरान के सामने बड़ा संकट: कंगाल पाकिस्तान से सऊदी अरब ने वापस मांगे अपने 2 बिलियन डॉलर
1 min readपाकिस्तान इन दिनों वैसे ही भारी मुफलिसी से गुजर रहा है। इस बीच उसके सबसे बड़े ‘दाता’ सऊदी अरब ने अपने दो बिलियन डॉलर वापस मांग लिए हैं। ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान फिर से अपने सदाबहार दोस्त चीन के सामने नए कर्ज के लिए हाथ फैलाने की तैयारी में हैं।
एनसीआई@सेन्ट्रल डेस्क
पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान इन दिनों भारी मुफलिसी के दौर से गुजर रहा है। इस बीच उसके सामने एक और बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। वह यह कि उसके सबसे बड़े ‘दाता’ सऊदी अरब ने उसे दिए गए अपने दो बिलियन डॉलर का कर्ज वापस मांग लिया है। ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान फिर से अपने सबसे प्यारे दोस्त चीन के सामने नए कर्ज के लिए हाथ फैलाने की तैयारी में हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान चीन से कर्ज लेकर सऊदी अरब को 2 बिलियन डॉलर (318 अरब पाकिस्तानी रुपए) का कर्ज लौटा सकता है। वर्तमान में पाकिस्तान के कर्ज चुकाने वाले खजाने में केवल 1 बिलियन डॉलर ही बचे हैं।

सऊदी अरब ने पाकिस्तान से वापस लिया वित्तीय समर्थन
पाकिस्तान के द्वारा कश्मीर को लेकर किए गए बर्ताव से नाराज सऊदी अरब ने मई में ही उससे अपना वित्तीय समर्थन वापस ले लिया था। अक्टूबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 3 साल के लिए 6.2 बिलियन डॉलर का वित्तीय पैकेज देने का ऐलान किया था। इसमें 3 बिलियन डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी पैसों के एवज में पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई की जानी थी।
3.3 फीसदी ब्याज भी देगा पाकिस्तान
इस समझौते के अनुसार, शुरुआत में सऊदी ने पाकिस्तान को नकदी और तेल की सुविधा केवल एक साल के लिए दी थी, लेकिन बाद के वर्षों में इसे बढ़ाकर तीन साल के लिए कर दिया गया। इस 3 बिलियन डॉलर की नकद सहायता के लिए पाकिस्तान को 3.3 फीसदी की दर से ब्याज की अदायगी भी करनी होगी।
चीन से कर्ज लेकर सऊदी को चुकाए 1 अरब डॉलर
पाकिस्तान ने समय से चार महीने पहले सऊदी अरब का एक अरब डॉलर का ऋण चुका दिया है। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यदि पाकिस्तान को चीन से इसी तरह की सुविधा मिलती है तो वह दो अरब डॉलर का नकद ऋण भी लौटाने की स्थिति में होगा। ऐसे में साफ है कि अगर चीन भी उसे कर्ज देने से मना कर दे तो वह भारी संकट में पड़ जाएगा।
पाकिस्तान पर जीडीपी का 90 फीसदी हो जाएगा कर्ज
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का सार्वजनिक ऋण इस साल जून तक बढ़कर 37,500 अरब पाकिस्तानी रुपए या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 90 प्रतिशत हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सिर्फ इस साल ही कर्ज चुकाने पर 2,800 अरब रुपए खर्च करेगा जो संघीय राजस्व बोर्ड के अनुमानित कर संग्रह का 72 प्रतिशत है। दो साल पहले जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार सत्ता में आई थी, तब सार्वजनिक ऋण 24,800 लाख करोड़ रुपए था, जो तेजी से बढ़ रहा है।