मुख्यमंत्री के शहर में कांग्रेस की कुंती उत्तर नगर निगम की और भाजपा की वनीता सेठ दक्षिण की मेयर बनीं
1 min readएनसीआई@जोधपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर में पहली बार हुए दो नगर निगमों के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को एक-एक सीट मिली है। मेयर का चुनाव ठीक वैसा ही हुआ जैसी उम्मीद की जा रही थी। दोनों ही पार्टियां किसी तरह उलटफेर करने में विफल रहीं। जोधपुर दक्षिण में भाजपा की वनीता सेठ दस मतों से जीतकर मेयर बन गईं, वहीं जोधपुर उत्तर में कुंती परिहार भाजपा की संगीता सोलंकी को 42 मतों से हराकर मेयर बनीं।
भाजपा जीती पर एक वोट का झटका
दक्षिण में भाजपा ने दस वोट से जीत दर्ज कर ली, लेकिन पार्टी की अंदरूनी राजनीति के चलते उसका एक वोट खिसक गया। भाजपा के पक्ष में कुल 46 पार्षद वोट देने एक साथ पहुंचे थे, लेकिन वनीता सेठ को 45 वोट ही मिले। इस प्रकार एक क्रॉस वोटिंग हुई। यहां कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक 35 वोट मिले।
उत्तर में कांग्रेस की बड़ी जीत
जोधपुर उत्तर में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की। यहां कांग्रेस की कुंती परिहार को 61 मत मिले हैं, जबकि भाजपा को महज 19 वोट पर ही संतोष करना पड़ा। इस प्रकार भाजपा की संगीता सोलंकी 42 वोट से हार गई। यहां वैसे भी किसी बड़े उलटफेर की उम्मीद भाजपा नहीं कर रही थी। हालांकि भाजपा नेता सुबह से अप्रत्याशित परिणाम की बातें कर रहे थे।
एक साथ पहुंचे थे भाजपा पार्षद
यहां उत्तर व दक्षिण नगर निगम के लिए भाजपा के सभी पार्षदों ने मतदान किया। उत्तर में जहां भाजपा के 19 पार्षदों ने मतदान किया, वहीं दक्षिण में भाजपा के 43 पार्षदों के साथ ही तीन निर्दलीय विधायक भी आए थे। ऐसे में दक्षिण में भाजपा के पक्ष में 46 मत पड़ने थे, मगर 45 ही पड़े।
भगवा कपड़ों में पहुंचे सभी पार्षद
भारतीय जनता पार्टी के सभी पार्षद भगवा पहनकर पहुंचे। पुरुष व महिला पार्षदों ने भगवा साफा पहना हुआ था, जबकि महिलाओं ने तो साड़ी भी भगवा ही पहनी हुई थी। इन पार्षदों ने एक साथ पहुंचकर पहले प्रमाण पत्र लिया, बाद में मतदान किया।
आज ही प्रमाण पत्र लिया भाजपा पार्षदों ने
भाजपा के नवनिर्वाचित पार्षदों ने मंगलवार को ही प्रमाण पत्र लिया। ये पार्षद जीत के बाद सीधे बाड़ेबंदी में जोधपुर से बाहर चले गए थे। प्रमाण पत्र लेने के साथ इन्हें शपथ भी दिलाई गई।
अब उपमहापौर की तैयारी
दोनों राजनीतिक दल अब उपमहापौर की कुर्सी पर कब्जा करने की तैयारी में जुट गए हैं। माना जा रहा है कि दक्षिण में जहां भाजपा अपना उप महापौर बना लेगी, वहीं उत्तर में कांग्रेस का उपमहापौर बनना तय है। जीते हुए पार्षदों का स्पष्ट अंतर होने के बावजूद दोनों पार्टियां पूरी सतर्कता बरत रही हैं। ऐसे में सभी जीते हुए पार्षदों को फिर से बाड़ेबंदी में ले जाया गया है।