सांसद मीणा रिहा, समर्थकों में खुशी की लहर, बताई आगे की रणनीति
1 min readएनसीआई@जयपुर
आज अलसुबह आमागढ़ दुर्ग पर झंड़ा फहराने के बाद गिरफ्तार किए गए बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा को दौसा में उनके समर्थकों के उग्र विरोध प्रदर्शनों के बीच आखिरकार रिहा कर देना पड़ा। इसी के साथ विद्याधर नगर थाने के बाहर जमा उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। बाहर आने के बाद सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी।
डॉ. मीणा ने कहा कि आमागढ़ दुर्ग जहां से झंड़ा हटाया गया था, वो हमने फिर लगा दिया है। सांसद मीणा ने कहा कि हमें फिक्र इस बात की है जो झंड़ा लगाया गया है, वो दोबारा नहीं हटे। इस सम्बन्ध में मैंने पुलिस कमिश्नर जयपुर से भी बात की है। उनसे कहा है कि मीन भगवान का झंडा अब वहां से नहीं हटे। मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि हमें आमागढ़ में भगवान शिव की पूजा करने दी जाए, ताकि भक्त का भगवान से मिलन हो सके।
गहलोत के राज ऐसा होना दुर्भाग्यपूर्ण
सांसद मीणा ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बाद हमने आमागढ़ दुर्ग पर झंड़ा तो फहरा दिया, लेकिन वहां मीणा समाज के शासकों की ओर से बनाए गए शिव मंदिर में हमें पूजा करने का मौका नहीं मिला। सरकार ने मंदिर की चाबी अपने पास रख ली है और सावन के इस पवित्र महीने में शिव भक्त को भगवान की पूजा नहीं करने दी जा रही है, ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि गहलोत के राज में ऐसा हो रहा है। सीएम गहलोत को चाहिए कि वो मीणा समाज की मांगों का सम्मान करें और मंदिर में पूजा करने की इजाजत दी जाए।
रामकेश मीना और रफीक खान को भी बरसे
सांसद मीणा ने विधायक रामकेश मीना और रफीक खान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि रामकेश मीना और स्थानीय विधायक रफीक खान की ओर से हिन्दुत्व पर प्रहार करने का कृत्य सही नहीं था। उनके ऐसा करने से प्रदेश का सौहार्द्र बिगड़ा। ये तो बात संभल गई, नहीं तो प्रदेश में दंगे की स्थिति पैदा हो जाती।
युवाओं से कहा: गांधीवादी देश में अंहिसा के साथ रखे अपना मत
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मीणा समाज के युवाओं को मैं संदेश देना चाहता हूं कि कोई भी मुद्दा हो, उसे शांतिपूर्ण तरीके से ही सरकार के सामने रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम जिस देश में रहने हैं, वह गांधीवादी और लोकतंत्र वाला देश है। वहीं राजस्थान में जो सरकार चुनी गई है, वो भी लोकतांत्रिक आधार पर ही बनी है। ऐसे में शांतिपूर्ण व से ही अपने मुद्दे उठाए जाएं।
मीणा समाज को बांटने से लेकर हिन्दू-मुस्लिम तक करवाना चाहते थे षड़यंत्रकारी
मीडिया के सवाल पर सांसद मीणा ने कहा कि षड़यंत्रकारी चाहते थे कि मीणा समाज दो खंड़ों में विभाजित हो जाए। वे धर्म को लेकर बंट जाएं। यही नहीं षड़यंत्रकारियों की यह भी सोच थी कि झंड़ा तोड़कर प्रदेश में हिन्दू-मुस्लिम दंगे तक करवा दिए जाएं, लेकिन उनकी ये सोच साकार नहीं हो पाई है।
खोहगंग में होगा अगला मूवमेंट
मीडिया से बात करते हुए मीणा ने कहा कि मुझे पता चला है कि मीणा समाज की एक ओर धरोहर खोहगंग में भी एक शासक ने कब्जा कर वहां मंदिर को तहस-नहस किया था। वहां पितृ तर्पण से लेकर मंदिर तक ही लगभग 87 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा हो चुका है। हमारी मांग है कि वहां से कब्जा हटाया जाए, साथ ही एतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को फिर जिंदा किया जाए। इस सम्बन्ध में मैंने जयपुर पुलिस कमिश्नर को जानकारी दे दी है, वह सरकार तक हमारी बात पहुंचाएंगे।