बाड़ाबंदी में भिड़े पायलट-गहलोत गुट: गहलोत गुट पार्षदों को लेने पहुंचा तो चले पत्थर, पुलिस पहुंची
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एनसीआई@चूरू
खाटूश्याम की एक धर्मशाला में चूरू के सरदारशहर कांग्रेस की बाड़ेबंदी में उस समय बवाल मच गया, जब पार्षदों को लेने पार्टी का एक गुट आ गया। इस पर दोनों पक्षों में जमकर पथराव हुआ। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर मामले को शांत कराया। उल्लेखनीय है कि सरदारशहर में कांग्रेस पालिका चैयरमेन बनाने की स्थिति में है। यहां पहले पायलट गुट की ओर से नामांकन करने के बाद गहलोत गुट ने भी नामांकन कर दिया।
दरअसल, पायलट गुट में विधायक भंवरलाल शर्मा के समर्थक पार्षद हैं। करीब 20 पार्षदों को लेकर भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल खाटूश्याम की गोल्डन वाटर पार्क धर्मशाला में परिणाम आने के बाद से ही आ गए थे। वहीं गहलोत गुट की ओर से सीताराम सैनी ने भी चैयरमेन के लिए नामांकन तो भर दिया, लेकिन पार्षदों से बात करने के लिए दोपहर करीब 3-4 गाड़ियों में भरकर बाड़ेबंदी में पहुंच गए।
इस दौरान वहां पायलट गुट के लोग सीताराम सैनी और उनके समर्थकों से भिड़ गए। दोनों के बीच जमकर हंगामा और पथराव भी हुआ। बाड़ेबंदी में जब बवाल की खबर पुलिस को मिली तो वह मौके पर पहुंची और पार्षदों को समझाकर शांत किया। हंगामे के दौरान पार्षदों ने वहां रखे गमले उठाकर तोड़ दिए।
दरअसल, जब सैनी के समर्थकों ने बातचीत के लिए पार्षदों को बाहर निकलने की कहा तो हंगामा हो गया। धर्मशाला के अंदर और बाहर मौजूद लोगों ने जमकर एक दूसरे पर पथराव किया। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस पहुंची। दोनों पक्षों को समझाया गया। सीताराम सैनी के साथ आए हुए लोग बाड़ेबंदी में मौजूद पार्षद शिवभगवान और राजकुमारी को अंदर रोककर बंधक बनाने का आरोप लगा रहे थे, जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि अगर उनको परेशानी होती तो वे आसानी से जा सकते थे।
पुलिस ने सीताराम सैनी की बात दोनों पार्षदों से करवाई। दोनों पार्षदों ने स्वेच्छा से धर्मशाला में ठहरने की बात को कबूल किया। इसके बाद सीताराम सैनी अपने समर्थकों को साथ लेकर सरदारशहर लौट गए।
भाजपा प्रत्याशी की आपत्ति खारिज
उधर, सीकर के लक्ष्मणगढ़ में चैयरमेन के लिए कांग्रेस प्रत्याशी मुस्तफा कुरैशी के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी एडवोकेट ललित ने आपत्ति दर्ज कराई थी कि 27 नवम्बर 1995 के बाद मुस्तफा के दो संतानें हुई हैं। इसको नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र में छिपाया गया। इस पर रिटर्निंग अधिकारी कुलराज मीणा ने आपत्ति खारिज करते हुए शपथ पत्र के आधार को सही माना है। इसमें बताया गया है कि 1995 के बाद मुस्तफा के कोई संतान नहीं हुई। यहां पर सीपीएम से याकूब कुरैशी भी मैदान में हैं।
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