कोटा: 40 लाख की उधारी और आमदनी का 5 फीसदी हिस्सा नहीं चुकाने का घनिष्ठ दोस्त पर आरोप, नोटिस जारी
1 min readएनसीआई@ कोटा
कहा भी जाता है कि पैसा प्यार की कैंची है, ऐसा ही एक बड़ा मामला यहां सामने आया है। दो पुराने दोस्तों में इसे लेकर 3 साल से चल रहा विवाद अब न्यायिक प्रक्रिया की शरण में पहुंच गया है।
इस प्रकरण में, जेके पैलेस, मकान नम्बर 40, गुमानपुरा, कोटा निवासी रविंद्र बाबा पुत्र जोगेंद्र सिंह की ओर से बिट्टू उर्फ नरेन्द्र सचदेवा पुत्र मंगतराम, निवासी 704, सातवां फ्लोर, रजत सिटी पेट्रोल पम्प के पीछे रंगबाड़ी रोड महावीर नगर को एक नोटिस भेजा गया है। इसमें उनके वकील जमील अहमद एवं रियाज अहमद ने कहा है कि मेरे पक्षकार से आपके काफी पुराने एवं घनिष्ठ सम्बन्ध हैं। आपने अपनी होटल के कार्य करवाने जनरेटर खरीदने तथा शराब की दुकान में माल खरीदने के लिए वर्ष 2018 में अत्यधिक आवश्यकता होने पर मेरे पक्षकार से राशि उधार मांगी। इस पर मेरे पक्षकार ने आपको हिस्सों में 40 लाख रुपए दे दिए। इस राशि की अदायगी के लिए आपने 20 सितम्बर 2018 को एक तहरीर 500 रुपए के स्टाम्प पेपर पर लिख कर दी।
नोटिस के अनुसार, इसमें आपने लिखा है कि आप अपनी होटल चम्बल बार व शराब की दुकान से होने वाली आमदनी का 5% शेयर मेरे पक्षकार को देंगे। यह राशि प्रतिमाह अदा करने का भी उक्त तहरीर में आपने वायदा किया था। आपने इस तहरीर में यह भी लिखा है कि किसी कारणवश शेयर की राशि अदा नहीं कर सके तो 40 लाख रुपए को अदा करने के लिए आप मेरे पक्षकार को चेक देंगे। आपने इसमें यह भी लिखा है कि यदि मैं उक्त राशि अदा नहीं कर सकूं तो रविंद्र बाबा को यह अधिकार होगा कि घटोत्कच चौराहे के पास स्थित मेरी ‘उपहार’ नामक सम्पत्ति, जिसे मैंने नागरिक सहकारी उपभोक्ता को किराए पर दिया हुआ है, को कुर्क करवा, बिकवा कर अपनी राशि प्राप्त कर सकते हैं।
इस नोटिस में आगे बिट्टू उर्फ महेंद्र सचदेवा के द्वारा हाल ही में रविंद्र बाबा को दिए गए विभिन्न चेकों का विवरण भी दर्ज है। साथ ही कहा गया है कि आपको नोटिस दिया जा कर सूचित किया जाता है कि इसकी प्राप्ति के दिनांक से 7 दिन के भीतर आप मेरे पक्षकार के 40 लाख रुपए, आमदनी का 5 प्रतिशत शेयर 20 सितम्बर 2018 से अब तक का, मेरे पक्षकार को देकर रसीद प्राप्त कर लें। अन्यथा यह अवधि गुजरने के बाद मजबूरन मेरे पक्षकार को आपके विरुद्ध इस राशि को प्राप्त करने के लिए आपकी सम्पत्ति ‘उपहार’ को कुर्क एवं नीलाम करवाना पड़ेगा। साथ ही वर्णित चेक बैंक में पेश करके आपके खिलाफ फौजदारी कार्यवाही करने पर बाध्य होना पड़ेगा।