माकन को बताया दर्द : प्रदेश उपाध्यक्ष बोले- स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना काल में हम जैसे वरिष्ठ पदाधिकारियों के फोन नहीं उठाए, आम आदमी की क्या सुनते होंगे?
1 min readएनसीआई@जयपुर
विधायकों से दो दिन फीडबैक लेने के बाद कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन ने प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय पीसीसी में पार्टी पदाधिकारियों के मन की बात जानने की कोशिश की। इस बार भी पहले जैसे ही हालात रहे। कई पदाधिकारियों ने खुलकर मंत्रियों पर मनमानी और पदाधिकारियों की उपेक्षा के आरोप लगाए।
कांग्रेस पदाधिकारियों ने 100 सीटों पर हारे हुए उम्मीदवारों से चर्चा नहीं करने, हारे हुए उम्मीदवारों के काम नहीं होने, मंत्रियों के फोन नहीं उठाने और बीजेपी के लोगों को राजनीतिक नियुक्तियां देने पर सवाल उठाए। पायलट समर्थक कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी और वेद सोलंकी ने कहा-जिन 100 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार हारे हुए हैं, उनसे चर्चा किए बिना फीडबैक पूरा नहीं है। उनकी भी राय लेनी चाहिए। वेद प्रकाश सोलंकी को अजय माकन ने फीडबैक की बात सार्वजनिक करने पर टोकते हुए कहा कि इस मुद्दे पर हमारी व्यक्तिगत बात हुई थी। आपने बाहर जाकर उसे सार्वजनिक कर दिया। यह कहकर सोलंकी को बैठा दिया।
उठाए सवाल
उपाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा पर कोरोना काल में फोन नहीं उठाने पर जमकर सवाल उठाए। चौधरी ने कहा, कोरोना काल में सरकार ने एक बार केवल सरकारी अस्पतालों में भर्ती रोगियों को ही रेमडेसिविर इंजेक्शन देने का प्रावधान कर दिया। प्राइवेट अस्पतालों में बने कोविड सेंटर्स में भर्ती रोगियों को इंजेक्शन नहीं दे रहे थे। बीजेपी इसको मुद्दा बना लेती। मैंने इस व्यवस्था को बदलवाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री को कई बार फोन किए। वह कभी फोन पर नहीं आए। बाद में प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा को दिक्कत बताई। उनके हस्तक्षेप से प्रावधान बदला। नहीं तो हमारी पार्टी की भद्द पिटनी तय थी। हारे हुए प्रत्याशियों के कहने से कोई काम नहीं हो रहा
प्रदेश सचिव महेन्द्र गुर्जर और शोभा सोलंकी ने कांग्रेस का राज होने के बावजूद काम नहीं होने पर सवाल उठाए। नसीराबाद से विधायक रह चुके महेन्द्र गुर्जर ने कहा, हमारे कहने से सरकार में कोई काम नहीं हो रहा है। पार्टी पदाधिकारी भी हूं और हारा हुआ उम्मीदवार भी। हमारी कोई पूछ नहीं है। प्रदेश सचिव शोभा सोलंकी ने कहा-हमारे कहने से ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं हो रहे हैं। विकास के कामों में भी हमारी नहीं चल रही है। इस व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए।
माकन ने किया हस्तक्षेप
बैठक में पेट्रोल-डीजल की कीमतें ज्यादा होने का मुद्दा उठा। एक पदाधिकारी ने कहा कि हम बार-बार महंगे पेट्रोल-डीजल पर आंदोलन करते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा वैट भी राजस्थान में है। पहले राजस्थान सरकार तो वैट कम करे। इस पर अजय माकन ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास राजस्व का कोई जरिया नहीं है। हमारी मांग पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की है।
अविलम्ब हो नियुक्ति
पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया ने कहा-हम पदाधिकारी ग्राउंड पर असहाय महसूस कर रहे हैं। प्रदेश पदाधिकारी तो बना दिए, लेकिन न जिलाध्यक्ष बनाए और न ब्लॉक अध्यक्ष। इससे संगठन का काम ठप पड़ा है। अविलंब जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति होनी चाहिए।