क्या सिस्टम पर असर होगा: शहरवासियों को सुरक्षित और सुगम सड़कें दिलवाने की जिद, कीचड़ और गंदे पानी में बहुत दूर तक निकाली दंडवत यात्रा
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एनसीआई@बूंदी
गंदले पानी और कीचड़ से भरी शहर की चीथड़े-चीथड़े हो चुकी सड़कों पर आज सोमवार सुबह दो शहरवासी दण्डवत करते हुए आगे बढ़ रहे थे। इन्हें न तो अपने हाथ-पैर छिलने की चिंता थी, ना ही गंदगी की। इनके पीछे समर्थकों का हुजूम भी था, जो इनका हौंसला बढ़ाता चल रहा था। इस नजारे को देख कर कारण से अनजान लोग हैरान थे, तो जानकार लोग दिल ही दिल में इस मुहिम को सराह रहे थे।
दरअसल, शहर की बदहाल सड़कों को सुधार वाशिंदों को राहत दिए जाने की मांग को लेकर हंसा ज्योति ध्वज वाहक, कठोर संकल्पधारी नरेन्द्र पायलट व एक अन्य शहरवासी प्रभात जैन ने दण्डवत यात्रा शुरू की थी। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार यह दंडवत यात्रा 11 बजे बाद अहिंसा सर्किल से शुरू होकर पुरानी कोतवाली स्थित रावभाव सिंह जी के स्थान तक गई। जहां संघर्ष समिति के सभी कार्यकर्ताओं ने दंडवत ठोक दिया।
पायलट व जैन ने बताया कि उन्होंने यह दंडवत यात्रा राजस्थान सरकार, नगर परिषद बूंदी व जिला प्रशासन के साथ वर्षों से सत्ता का लाभ ले रहे उदासीन जनप्रतिनिधियों को सद्बुद्धि दिए जाने की कामना से निकाली गई है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य सरकार जल्द से जल्द सड़कों को दुरुस्त करवाने के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी करें, अन्यथा शहर भर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
इस अवसर पर नगर परिषद बूंदी के पूर्व सभापति महावीर मोदी, भाजपा नेता रुपेश शर्मा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भगवान लाड़ला सहित समाजसेवी सुनील हाड़ोती, पार्षद पप्पू सोनी, पूर्व पार्षद अंशु सिंह व महावीर हल्दिया, कालू कटारा, अनिल शर्मा आदि मौजूद थे। इनके हाथों में सड़कों को पक्का किए जाने के स्लोगन लिखी हुई तख्तियां भी थीं।
त्वरित टिप्पणी…..
जिला मुख्यालय है बूंदी, मगर कई मामलों में हालात ग्राम पंचायतों से भी बदहाल। इनमें सर्व प्रमुख रूप से शामिल हैं यहां की सड़कें। इन सड़कों को ऐसा अभिशाप मिला हुआ है कि, जब भी इनकी मरम्मत होती है, इसके कुछ दिन बाद ही यह तड़कने और उधड़ने लग जाती हैं। मगर क्या मजाल जो कभी इनकी मरम्मत करवाने वाले ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्यवाही हुई हो। उस पर बारिश तो एक बड़ा कारण या बहाना होता है इन सड़कों के उधड़ जाने का।
इस बार भी ऐसा ही हुआ है। पहले से ही जर्जर शहर की सड़कें इस बार की तेज बारिश में फिर पूरी तरह तार-तार हो गईं। इतना ही नहीं अंदरूनी शहर तक में यह हालात हो गए कि सड़कों की जगह कई फीट गहरे और चौड़े गड्ढे नजर आने लगे। पैदल चलने वाले हों या वाहन चालक, इनमें गिरकर घायल होने लगे। अपने वाहन तुड़वाने लगे। शहर के अन्य कोनों के भी कमोबेश ऐसे ही हालात हैं। इनमें नैनवां रोड जैसा शहर का सबसे व्यस्ततम मार्ग भी शामिल है। यह मामला इस समय खासतौर पर इसलिए भी गर्माया कि एक दिन बाद ही गणेश चतुर्थी है। उस दिन शहर में शोभायात्रा निकाली जाएगी, मगर बदहाल सड़कों पर यह बहुत ही दुष्कर होगा।
यहां गौरतलब है कि नगर परिषद के चुनाव के पूर्व राज्य के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने शहर की सड़कों के लिए करोड़ों रुपए जारी करने का वादा किया था। वह वादा तो अभी तक पूरा नहीं हुआ, मगर अब सामने आया है कि उसके लिए राज्य सरकार वर्ल्ड बैंक से लोन लेने रही है। यह लोन मिलने के बाद ही शहर की सड़कें बन सकेंगी। मतलब यह है कि हाथ खाली होते हुए भी मंत्री धारीवाल ने जनता को झूंठे सपने दिखा दिए थे। वर्ल्ड बैंक से मिलने वाले इस लोन की शर्तें क्या होंगी, यह भी बूंदी की जनता को मालूम होना चाहिए। कहीं ऐसा ना हो इसका भार किसी ना किसी टेक्स के रूप में शहरवासियों पर ही आ पड़े, क्योंकि राज्य सरकार के खजाने में तो पैसा है ही नहीं।