राजस्थान: देर रात मस्जिद में मौलाना की हत्या, तीन नकाबपोश बदमाशों ने लाठी-डंडों से पीट-पीटकर दिया वारदात को अंजाम, बच्चों को भी चिल्लाने पर मार देने की दी धमकी
1 min readएनसीआई@अजमेर
शहर के रामगंज थाना इलाके की एक मस्जिद में शुक्रवार रात करीब दो बजे तीन नकाबपोश बदमाशों ने मौलाना की लाठी-डंडों से बुरी तरह पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस वारदात के दौरान मस्जिद में 6 नाबालिग बचे भी थे। वारदात को अंजाम देते समय आरोपियों ने इन बच्चों को चिल्लाने पर जान से मार देने के साथ इन्हें कमरे से बाहर निकाल दिया था।मृतक मौलाना मोहम्मद माहिर 7 साल से मस्जिद में रहकर बच्चों को पढ़ा रहे थे। 6 महीने पहले ही उन्हें मुख्य मौलाना नियुक्त किया गया था।
रामगंज थाना प्रभारी रविंद्र खींची ने बताया- शहर के रामगंज थाना क्षेत्र के कंचन नगर स्थित मोहम्मदी मदीना मस्जिद में मौलाना मोहम्मद माहिर (30) रहते थे। इनके साथ कुछ बच्चे भी रह रहे थे। रात करीब तीन बजे जब बच्चे चिल्लाते हुए बाहर आए तो आसपास के लोगों को वारदात की जानकारी हुई। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
मस्जिद के पीछे बने दरवाजे से घुसे थे बदमाश
रामगंज थाना प्रभारी रविंद्र खींची ने बताया कि तीनों बदमाश मस्जिद के पीछे बने एक रास्ते से अंदर घुसे थे। इसके बाद उन्होंने मौलाना की हत्या की और उसी रास्ते से फरार हो गए। उन्होंने बताया कि मौके पर तलाशी ली गई तो मौलाना का मोबाइल भी नहीं मिला। इससे अंदाजा लगाया गया है कि आरोपियों को अंदेशा था कि बच्चे किसी को फोन कर घटना की सूचना दे देंगे, इसीलिए वे मोबाइल साथ ले गए।
सीसीटीवी फुटेज चेक कर रही पुलिस
थाना प्रभारी ने बताया कि अभी हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। मस्जिद के पीछे एक बाड़ा बना हुआ है, जहां से दो डंडे बरामद हुए हैं। इसके साथ ही आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। डॉग स्क्वॉयड की टीम को भी मौके पर बुलाकर खोजबीन करवाई गई है।
एक ही कमरे में सो रहे थे बच्चे और मौलाना
मस्जिद में रहने वाले बच्चों ने बताया कि रात को हम सभी एक ही कमरे में सो रहे थे। मौलाना माहिर भी हमारे साथ ही सो रहे थे। देर रात अचानक लाठियां लेकर तीन बदमाश कमरे में घुसे। उन तीनों ने अपना चेहरा कपड़े से ढका हुआ था।
बदमाशों के कमरे में आते ही सभी बच्चे जाग गए थे। उन्होंने इन्हें जान से मारने की धमकी देकर कमरे से बाहर निकाल दिया। इसके बाद डंडे से पीट-पीट कर मौलाना की हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी जिस पीछे के रास्ते से आए थे, उसी से फरार हो गए।
बच्चों ने बताया कि आरोपियों के फरार होने के बाद वे कमरे में गए तो मौलाना साहब बेसुध पड़े हुए थे। इस वे चिल्लाते हुए बाहर आए और आसपास के लोगों को इस वारदात की जानकारी दी।
पड़ोसी शरीफ ने बताया कि मौलाना माहिर करीब 7 साल पहले यहां उत्तर प्रदेश के रामपुर से आए थे। वे यहां रहकर बच्चों को पढ़ाते थे। इनका परिवार रामपुर में ही रहता है। यहां वो अकेले ही रहते थे। मस्जिद में मौलाना के साथ 15 बच्चे रहते थे। ईद के कारण सारे बच्चे अपने घर चले गए थे। परसों ही बच्चे गांव से लौट कर अजमेर आए थे। 28 अक्टूबर को मस्जिद के मुख्य मौलाना जाकिर हुसैन की तबीयत बिगड़ने के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद मोहम्मद माहिर को ही मस्जिद के मुख्य मौलाना की जिम्मेदारी दे दी गई थी।
एफएसएल टीम और अतिरिक्त जाब्ता बुलाया
मुख्य मौलाना की हत्या की सूचना के बाद अजमेर दक्षिण पुलिस सीओ ओमप्रकाश भी मौके पर पहुंचे। एफएसएल टीम को भी बुलाया गया। दूसरी ओर इस वारदात की सूचना मिलने पर मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग एकत्र हो गए थे।इसके बाद पुलिस ने यहां एहतियातन अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है। समाज के लोग पुलिस से जल्द कार्रवाई कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। मौलाना के शव को जेएलएन हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है।