माफिया मुख्तार अंसारी की इलाज के दौरान मौत, तबीयत खराब होने पर जेल से लाया गया था मेडिकल कॉलेज
1 min readएनसीआई@बांदा/लखनऊ
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात मौत हो गई। जेल की बैरक में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लेकर आया था। जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। सूचना मिली थी कि मुख्तार को आईसीयू से सीसीयू में भर्ती करना पड़ा। यहां मुख्तार के इलाज में 9 डॉक्टरों की टीम लगाई गई थी।
हालांकि मुख्तार की जान नहीं बच सकी। मुख्तार की मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। समाजवादी पार्टी ने X पर माफिया मुख्तार को श्रद्धांजलि दी है।
पता चला है कि मुख्तार अंसारी जेल की बैरक के टॉयलेट में बेहोश पड़ा मिला था, तभी उसकी मौत हो गई थी। 8.25 बजे उसकी हार्ट अटेक से मौत होने की जानकारी मिली है। इससे पहले मंगलवार को भी तबीयत खराब होने पर मुख्तार अंसारी को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने तब उसे कब्ज की समस्या बताई थी। इलाज के बाद उसे उसी दिन कारागार भेज दिया गया था। बुधवार को जेल में उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया था, जिसमें सब सामान्य मिला था।
सुनवाई के दौरान लगाया था आरोप
60 वर्ष के हो चुके मुख्तार अंसारी ने सुनवाई के दौरान अदालत में आरोप लगाया था कि जेल में उसकी हत्या का प्रयास किया जा रहा है। उसे खाने में धीमा जहर दिया जा रहा है, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ रही है। मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने जेल प्रशासन से रिपोर्ट भी मांगी थी। हालांकि जांच में उसका आरोप गलत पाया गया था।
पूरे राज्य में अलर्ट जारी
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अधिकारियों को क्षेत्र में फोर्स के साथ पेट्रोलिंग करने का आदेश दिया गया है। इस पर अधिकारियों ने एक्शन भी शुरू कर दिया है। मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया का बहुत बड़ा नाम था। इसके चलते उसका काफी खौफ रहा था, आतंक रहा था। यह काले रंग की एसयूवी में हथियार लहराते हुए और मूंछों पर ताव देते हुए निकलता था। उसकी हर गाड़ी का नम्बर 786 होता था। उसके गुर्गे ही उसके नाम पर लोगों से वसूली करते थे। मगर राज्य में बीजेपी की योगी आदित्यनाथ नेतृत्व वाली सरकार आने के बाद से हालात बदल गई। उन्होंने ऐसे माफियाओं का सफाया करना शुरू कर दिया। मुख्तार अंसारी 5 बार विधायक रह चुका था। समाजवादी पार्टी और बसपा से वह जुड़ा रहा था। इसके खिलाफ 68 मुकदमे दर्ज थे। इनमें हत्याओं के कई मामले शामिल थे। सबसे पहला मुकदमा इसके खिलाफ 1987 में हत्या का दर्ज हुआ था। मगर बड़ी बात यह है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने से पहले उसे किसी भी मामले में सजा नहीं मिल सकी थी। इसका कारण यह था कि कोई भी उसके खिलाफ गवाही देने की कोशिश करता था तो उसकी भी हत्या कर दी जाती थी। मुख्तार हर एक गलत काम में लिप्त था। हर प्रकार के ठेके वह या उसके गुर्गे ही लेते थे। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उसके खिलाफ गवाही देने वालों को पूरी सुरक्षा मिलने लगी। इसके बाद ही उसके खिलाफ मामलों में ट्रायल होना शुरू हुआ और उसे सजा मिलने लगी। मुख्तार अंसारी का केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं पूर्वांचल, उत्तराखंड, झारखंड, पंजाब जैसे राज्यों तक में खौफ था। उसे किसी की जमीन या कारोबार भी पसंद आ जाए तो वह उस पर कब्जा कर लेता था। उसका खौफ ही था कि वह जेल में रहते हुए भी विधायक का चुनाव जीत लेता था। विशेषकर पूर्वांचल में उसका सबसे अधिक खौफ रहा था। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या भी इसने ही की थी। अपना आतंक जमाने के लिए कृष्णानंद राय पर इसने सौ से अधिक गोलियां चलाईं थीं।
मुख्यमंत्री योगी का सख्त निर्देश
मुख्तार अंसारी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से सभी जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षकों को सख्त निर्देश दे दिए गए हैं कि वे किसी भी हालत में स्थिति बिगड़ने न दें। कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर पूरी तरह सख्ती करें। मुख्यमंत्री योगी इस समय हालात के मंत्री मद्देनजर अधिकारियों की मीटिंग ले रहे हैं। जिस मेडिकल कॉलेज में मुख्तार अंसारी की मौत हुई है वहां पर भी भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है।