कोटा में एम्बुलेंस में ही अटक गई मरीज की स्ट्रेचर, अजमेर में ऑक्सीजन प्लांट बंद मिला
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कोरोना की आशंका से राजस्थान भी हाई अलर्ट, अस्पतालों में हुई मॉक ड्रिल, कई जगह सामने आई छोटी-बड़ी खामियां
एनसीआई@जयपुर
कोरोना के नए वैरिएंट BF.7 को लेकर दुनिया भर में खतरा बढ़ता जा रहा है। इसका खौफ अब भारत में भी देखा जा रहा है। इससे केन्द्र के साथ राज्य सरकारें भी अलर्ट मोड पर आ गई हैं। इस स्थिति के मद्देनजर आज देशभर में स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, गैस राहत और केन्द्र सरकार के हेल्थ इंस्टीट्यूट्स में मॉकड्रिल की जा रही है। राजस्थान में भी यह कवायद की जा रही है। इस दौरान कई जगह छोटी-बड़ी खामियां सामने आई हैं।
इस मॉक ड्रिल में राजस्थान में ऑक्सीजन प्लांट, बेड्स, दवाइयों की उपलब्धता सहित इमरजेंसी उपायों को परखा जा रहा है। इस दौरान अजमेर के जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल में जब ऑक्सीजन प्लांट को शुरू किया तो, वह स्टार्ट ही नहीं हुआ। यह ऑक्सीजन प्लांट केन्द्र सरकार के द्वारा दिया गया था।
अजमेर में इंजीनियर को बदलने के निर्देश
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीर बहादुर सिंह और अस्पताल अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता ने ऑक्सीजन प्लांट पर जाकर उसकी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने ऑक्सीजन का फ्लो और प्योरिटी की जांच की। पता चला कि ऑयल फिल्टर के काम नहीं करने से प्लांट नहीं चल पाया। इस पर उन्होंने बायो मेडिकल वेस्ट इंजीनियर को तुरंत बदलने के निर्देश दिए।
अजमेर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट, मेडिसिन वार्ड सहित सभी के बारे में जांच की गई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर वीर बहादुर सिंह और अस्पताल अधीक्षक डॉ नीरज गुप्ता ने ऑक्सीजन प्लांट पर जाकर उसकी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने ऑक्सीजन का फ्लो और प्योरिटी की जांच की। इस दौरान केन्द्र सरकार द्वारा दिया गया ऑक्सीजन प्लांट बंद पाया गया।
जयपुर के आरयूएचएस में ऐसी रही स्थिति
वहीं, इस मॉक ड्रिल में राज्य की राजधानी जयपुर में प्रदेश के सबसे बड़े कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एण्ड सांइसेज(आरयूएचएस) में एक पेशेंट को व्हील चेयर पर लाया गया। मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। यहां पहुंचने से लेकर वॉर्ड में भर्ती करने और उसे ऑक्सीजन उपलब्ध कराने तक में चार मिनट का ही समय लगा। आरयूएचएस के ऑक्सीजन प्लांट भी जांच की जा रही है। सभी सरकारी हॉस्पिटल के प्लांट की कंडिशन सही रखने के निर्देश दिए गए हैं।
आरयूएचएस के अतिरिक्त प्रिंसिपल डॉ. तरुण लाल ने बताया कि यहां 1200 बेड्स हैं और सभी ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ हैं। इनमें से 301 आईसीयू-वेंटिलेटर हैं। हम आरयूएचएस में 1200 बेड्स की केपेसिटी को 1800 तक ले जा सकते हैं, इसके लिए हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं। 5 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट है और 2 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन कंटेनर हैं। इसके अलावा हर आईसीयू वार्ड में सभी आवश्यक दवाईयां और इंजेक्शन उपलब्ध हैं, जिससे मरीज के परिजनों को दवाइयों के लिए इधर-उधर जाना न पड़े। इसके अलावा 35 से ज्यादा डॉक्टर्स कोविड मरीजों को ट्रीटमेंट देने के लिए हर समय तैयार हैं। उन्होंने बताया कि यहां लाए मरीज को कुछ मिनटों में ही सभी सुविधाएं मिल गईं।
कोटा में मरीज की जान पर बन आई
कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में मॉकड्रिल के दौरान मरीज को स्ट्रेचर पर लाया गया, मगर वह एम्बुलेंस में अटक गया। नर्सिंगकर्मी कुछ देर तक कोशिश करते रहे, लेकिन स्ट्रेचर फंसा रहा। इस कारण मरीज को दूसरी स्ट्रेचर पर रखना पड़ा। इस दौरान कुछ दौरान मरीज की सांसें अटकी रहीं।
बीकानेर में कुछ ऑक्सीजन प्लांट्स गड़बड़
बीकानेर के मेडिकल कॉलेज व बीकानेर शहर में स्थित सेटेलाइट हॉस्पिटल और गांव में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी ड्रिल किया गया। बीकानेर में इस समय कुल 20 ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं। इन सभी प्लांट्स को परखा गया, अधिकांश प्लांट सही पाए गए। इन प्लांट्स से ऑक्सीजन जनरेट भी की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि कहीं इमरजेंसी होने पर यह खराब ना मिले। सीएमएचओ डॉ. अबरार पंवार ने बताया कि बीकानेर में 1000 बेड ऑक्सीजन सुविधा के साथ उपलब्ध है, फिलहाल सभी सही काम कर रहे हैं। जहां पर बेड खराब होंगे, उन्हें दुरुस्त किया जाएगा। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में आठ ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं। उन सभी को चेक किया गया, कहीं-कहीं गड़बड़ी मिली, जिसे ठीक किया जा रहा है। वहीं ऑक्सीजन बेड भी सही पाए गए हैं।
सीकर में ठीक-ठाक हाल
सीकर के एस हॉस्पिटल में दोपहर को मॉकड्रिल हुई। इसमें मरीज को सीकर के एस हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में ले जाने में कुछ मिनट का ही समय लगा। सीकर में फिलहाल जिला मुख्यालय पर कोरोना मरीजों के लिए एस के हॉस्पिटल में 40 और जनाना हॉस्पिटल में 80 बेड की व्यवस्था है। सांवली सेंटर अभी ऑपरेशनल नहीं है।
हेल्थ सेक्रेटरी ने सभी जिलों को दिए निर्देश
इधर हेल्थ सेक्रेटरी डॉ. पृथ्वी सिंह ने सभी जिलों के सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने एरिया में सीएचसी, उप जिला हॉस्पिटल और जिला हॉस्पिटल में भी मॉकड्रिल करवाकर हॉस्पिटल में उपलब्ध संसाधनों की जांच करें।
चेक लिस्ट में देनी हैं ये जानकारियां
मॉक ड्रिल के मद्देनजर मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से सभी हॉस्पिटलों को चेक लिस्ट भिजवाई गई है। इस परफॉर्मा में सभी हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट या प्रभारी को हॉस्पिटल में उपलब्ध ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड्स की संख्या बताने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इनमें से कितने उपकरण काम कर रहे हैं, कितने खराब हैं, यह जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा गया है।
लोगों को करें जागरूक
मॉकड्रिल के अलावा आमजन को कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर के प्रति जागरूक करने के भी निर्देश दिए। इसके लिए लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में कम जाने, मास्क का उपयोग करने और हैंड सेनेटाइजर सहित दूसरे बचाव के उपाय करने के लिए प्रचार-प्रसार करने को भी कहा है। साथ ही लोगों कोविड की बूस्टर डोज लगवाने के लिए भी जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान में अभी कोविड की टेस्ट पॉजीटिविटी रेट 0.1 फीसदी है, जो कंट्रोल्ड सिचुएशन है।